-
Twitter/OfficeofRG

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को नेशनल हेराल्ड तथा यंग इंडिया के बीच लेनदेन से जुड़ी टैक्स एसेसमेंट को दोबारा खोलने के इनकम टैक्स विभाग के आदेश के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट से कोई राहत नहीं मिली है. इस साल मार्च में राहुल गांधी को इनकम टैक्स विभाग ने वित्तवर्ष 2011-12 के संदर्भ में टैक्स री-एसेसमेंट नोटिस दिया था. विभाग का कहना था कि राहुल गांधी ने यंग इंडिया की डायरेक्टरशिप के बारे में जानकारी नहीं दी थी. राहुल गांधी के वकील का कहना है कि कोई आय नहीं हुई थी, और कोई टैक्स देनदारी नहीं बनती थी.

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, सुनवाई के दौरान इनकम टैक्स विभाग ने कहा कि राहुल गांधी ने यंग इंडिया की डायरेक्टरशिप से खुद को अलग नहीं किया है. वहीं, राहुल गांधी के वकील ने कहा कि जब इसकी इनकम ही नहीं है, तो टैक्स भी नहीं बनता.

गौरतलब है कि मई महीने में नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी को तब झटका लगा था, जब दिल्ली हाई कोर्ट ने यंग इंडिया कंपनी की जांच इनकम टैक्स द्वारा कराए जाने को हरी झंडी दी थी. हाई कोर्ट ने यह भी कहा था कि कंपनी को अपने दस्तावेज इनकम टैक्स को सौंपने ही होंगे. कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा था कि इनकम टैक्स विभाग को जांच करने का अधिकार है.

भारतीय जनता पार्टी के नेता व राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी का आरोप है कि गांधी परिवार हेराल्ड की संपत्तियों का गलत ढंग से इस्तेमाल कर रहा है. बीजेपी नेता इस आरोप को लेकर 2012 में कोर्ट गए थे, जिसके बाद 26 जून 2014 को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने सोनिया गांधी, राहुल गांधी के अलावा मोतीलाल वोरा, सुमन दूबे और सैम पित्रोदा को समन जारी कर पेश होने के आदेश जारी किए थे.

इसके अलावा राहुल गांधी के वकील ने दिल्ली हाईकोर्ट से यह भी आग्रह किया कि इस मामले से जुड़ी ख़बरों के प्रकाशन के लिए मीडिया पर रोक लगाई जाए. हाईकोर्ट ने मीडिया रिपोर्टिंग पर रोक से इंकार कर दिया.