निर्भया मामले के चार दोषियों में से किसी ने भी उस दौरान कोई विरोध नहीं जताया जब उन्हें शुक्रवार को फांसी पर चढ़ाए जाने के लिए ले जाया जा रहा था लेकिन विनय शर्मा फूट-फूट कर रोने लगा था। तिहाड़ जेल के एक अधिकारी ने बताया कि फांसी पर चढ़ाये जाने से पहले रात को दोषियों में कोई घबराहट नजर नहीं आई और हां, उन्होंने शुक्रवार को नाश्ता नहीं किया था।
गौरतलब है कि पूरे देश की आत्मा को झकझोर देने वाले इस मामले के चारों दोषियों मुकेश सिंह (32), पवन गुप्ता (25), विनय शर्मा (26) और अक्षय कुमार सिंह (31) को सुबह साढ़े पांच बजे तिहाड़ जेल में फांसी दे दी गई।
अधिकारी ने बताया, ''चारों दोषियों में कल शाम या उस समय कोई घबराहट नजर नहीं आई, जब उन्हें फांसी पर लटकाये जाने के लिए ले जाया जा रहा था। हालांकि विनय उस समय फूट-फूट कर रोने लगा जब उसे फांसी पर लटकाने के लिए ले जाया जा रहा था।''
अधिकारी के अनुसार केवल विनय शर्मा और मुकेश सिंह ने बृहस्पतिवार की रात को खाना खाया था। उन्होंने कहा, '' विनय और मुकेश ने रात में भरपेट खाना खाया था। खाने में रोटी, दाल , चावल और सब्जी थी। अक्षय ने शाम को चाय भी पी थी लेकिन उसने रात में खाना नहीं खाया। चारों दोषियों ने शुक्रवार सुबह नाश्ता नहीं किया था।''
उन्होंने बताया कि दोषियों ने सुबह स्नान नहीं किया और न अपने कपड़े बदले। चारों दोषी पूरी रात जागते रहे। रात को जब उन्हें खाना दिया गया तो अक्षय ने खाने को हाथ भी नहीं लगाया।
अधिकारी ने बताया कि सुबह जब चारों दोषियों को उठने के लिए कहा गया तो चारों जाग ही रहे थे। उन्हें जब काले कपड़े पहनने के लिए दिए तो विनय ने रोना शुरू कर दिया।
उन्होंने कहा कि इस महीने की शुरूआत में दिल्ली की एक अदालत द्वारा जारी अंतिम मृत्यु वारंट के बाद अक्षय कुमार के अलावा सभी दोषियों ने अपने परिवारों से मुलाकात की। मुकेश सिंह के परिवार ने बृहस्पतिवार की दोपहर लगभग 12 बजे उससे मुलाकात की थी। यह बैठक 30 मिनट तक चली थी।
अधिकारी के अनुसार चार लोगों से पूछा गया कि क्या वे अपनी फांसी से पहले वसीयत तैयार करना चाहते है तो उन्होंने मना कर दिया।
उन्होंने बताया कि एक अदालत द्वारा मामले में पहला मृत्यु वारंट जारी होने के बाद सभी को तन्हाई बैरक में ले जाया गया। फांसी के लिए जेल नियमावली के अनुसार सभी प्रक्रियाओं का पालन किया गया।
तिहाड़ जेल के महानिदेशक संदीप गोयल ने इससे पहले बताया था कि दोषियों को फांसी पर लटकाये जाने के बाद एक डॉक्टर ने चारों दोषियों को मृत घोषित कर दिया। दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल में पोस्टमार्टम के बाद दोषियों के शव उनके परिजनों को सौंप दिये गये।
साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी पीटीआई द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है. यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है.