नवी मुंबई में अश्लील फिल्मों के आदी नाबालिग ने अपनी बहन के साथ किया बलात्कार. (सांकेतिक तस्वीर)
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मध्य प्रदेश के सागर जिले के रहली में मासूम से दुष्कर्म मामले में 40 वर्षीय आरोपी को फांसी की सजा सुनाई गई. वारदात 21 मई को हुई थी और बलात्कार के इस मामले में मात्र 46 दिन में ही फैसला आ गया है.

जिले के एसपी के अनुसार, नाबालिग से रेप मामले में फांसी की सजा के कानून बनने के बाद संभवत: यह पहला मामला है जिसमें मौत की सजा सुनाई गई है. सिविल कोर्ट रहली के अपर सत्र जज सुधांशु सक्सेना ने दोषी भागीरथ के घिनौने कृत्य को देखते हुए उसे आईपीसी की धारा 376 और पाक्सो एक्ट के तहत दोषी पाया और मृत्युदंड की सजा सुनाई.

घटनाक्रम के अनुसार, घटना वाले दिन आरोपी घर के बाहर खेल रही 9 वर्षीय मासूम को उठाकर धार्मिक स्थल पर ले गया था और वहां उसके साथ दुष्कर्म किया. बच्ची की चीख सुनकर जब ग्रामीण घटना स्थल पर पहुंचे थे तो आरोपी मौके से भाग निकला था.

पुलिस ने आरोपी को अगले दिन गिरफ्तार किया था. मध्य प्रदेश सरकार 12 साल से कम उम्र के मासूम से रेप मामले में फांसी की सजा का कानून बनाया था जिसे राष्ट्रपति ने 21 अप्रैल को मंजूरी दी थी.