हैदराबाद में एक पशु-चिकित्सक के सामूहिक बलात्कार और हत्या के मामले में गिरफ्तार किए गए चार आरोपियों के शुक्रवार तड़के पुलिस के साथ मुठभेड़ में मारे जाने का निर्भया के माता-पिता ने स्वागत करते हुए कहा कि उनके न्याय का इंतजार जल्दी खत्म हो गया, वहीं कांग्रेस नेता शशि थरूर ने ऐसी कार्रवाईयों के प्रति सचेत रहने की हिदायत दी है।
निर्भया के पिता ने कहा कि अगर पुलिस ने गोली नहीं चलाई होती तो आरोपी भाग जाते और फिर शायद कभी पकड़े नहीं जाते। निर्भया के पिता ने 'पीटीआई-भाषा' से फोन पर कहा, ''यह अच्छा है कि पुलिस ने त्वरित प्रतिक्रिया के साथ कार्रवाई की, नहीं तो आरोपी भाग जाते और उन्हें दोबारा पकड़ना मुश्किल होता। उनके भागने की कोशिश करने से पुलिस की दक्षता पर भी सवाल उठते हैं।''
गौरतलब है कि 23 वर्षीय परा-चिकित्सक छात्रा निर्भया के साथ दिसम्बर 2012 में दिल्ली में सामूहिक बलात्कार किया गया था और कुछ दिन इलाज के बाद उसने दम तोड़ दिया था। उन्होंने कहा कि परिवार का न्याय के लिए इंतजार जल्दी खत्म हो गया।
उन्होंने कहा, ''हैदराबाद की चिकित्सक के परिवार को हमारी तरह न्याय के लिए सात वर्ष का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। हम उनके माता-पिता का दर्द समझ सकते हैं। कम से कम उन्हें न्याय जल्दी मिल गया।''
वहीं निर्भया की मां ने अधिकारियों ने अपील की है कि मुठभेड़ में शामिल पुलिसवालों के खिलाफ कोई कार्रवाई ना की जाए। निर्भया के दादा ने भी मुठभेड़ का स्वागत करते हुए कहा कि इस तरह के कदम से बलात्कार करने वालों में भय उत्पन्न होगा और दरिंदगी की घटनाओं पर रोकथाम लगेगी।
Asha Devi, Nirbhaya's mother: I have been running from pillar to post for the last 7 years. I appeal to the justice system of this country and the government, that Nirbhaya's culprits must be hanged to death, at the earliest. https://t.co/VoT5iv2caf pic.twitter.com/5ICgJUYaNz
— ANI (@ANI) December 6, 2019
निर्भया के दादा ने शुक्रवार को अपने पैतृक गांव मेड़वार कलां में पत्रकारों से कहा, ''मैं पुलिस मुठभेड़ में बलात्कारियों के मारे जाने की सराहना करता हूं। ऐसे कदम से बलात्कारियों में डर उत्पन्न होगा और दरिंदगी की घटनाओं पर रोक लगेगी।''
इस बीच, कांग्रेस नेता एवं लोकसभा सांसद शशि थरूर ने कहा कि न्यायेतर हत्याएं स्वीकार्य नहीं है। उन्होंने ट्वीट किया, ''सैद्धांतिक रूप से सहमत हूं। हमें और जानने की जरूरत है, उदाहरण के लिए अगर आरोपियों के पास हथियार थे तो पुलिस का गोली चलाना सही था। विस्तृत जानकारी मिलने तक इसकी निंदा करना सही नहीं है, लेकिन कानून के समाज में न्यायेतर हत्याएं स्वीकार्य नहीं है।''
राष्ट्रीय महिला आयोग की प्रमुख रेखा शर्मा ने कहा कि आरोपियों के मारे जाने से खुश हूं, लेकिन न्याय उचित कानूनी तरीके से किया जाना चाहिए। शर्मा ने 'पीटीआई-भाषा' से फोन पर कहा, ''हम मौत की सजा चाहते थे लेकिन न्याय प्रणाली के जरिए। मुझे नहीं पता कि किसी परिस्थिति में उन्हें गोली मारी गई और यह जांच के बाद सामने आएगा। इसिलए केवल पुलिस ही सच बता सकती है या जांच में इसका पता चल सकता है।''
Rekha Sharma, National Commission for Women on #Telangana encounter: We always demanded death penalty for them, and here police is the best judge, I don't know in what circumstances this happened. https://t.co/cCfPbqy3rB pic.twitter.com/mG66un7DBv
— ANI (@ANI) December 6, 2019
गोवा प्रदेश महिला कांग्रेस प्रमुख प्रतिमा कौटिन्हो ने कहा, ''हैदराबाद पुलिस को सलाम। न्याय हो गया।'' उन्होंने कहा, ''अब पीड़िता की आत्मा को शांति मिलेगी।''
साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी पीटीआई द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है. यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है.