सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायल उन्नाव बलात्कार पीड़िता और उसके वकील की हालत शनिवार को सातवें दिन भी गंभीर बनी हुई है। पीड़िता को निमोनिया हो गया है और वह वेंटिलेटर पर है जबकि वकील को वेंटिलेटर से तो हटा लिया गया है लेकिन उनकी हालत अब भी गंभीर है।
किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के ट्रॉमा सेंटर के प्रभारी डॉ. संदीप तिवारी ने शनिवार को बताया, 'पीड़िता अब भी वेंटिलेटर पर है। उसे निमोनिया हो गया है जिससे उसको बुखार आ रहा है। उसे ब्लडप्रेशर नियमित करने की दवा भी दी जा रही है। पीड़िता के गले में छोटा सा छेद करके (ट्रैकियोस्टोमी) ट्यूब द्वारा ऑक्सिजन दी जा रही है, उसे अभी तक होश नहीं आया है और डॉक्टरों की टीम 24 घंटे उसकी निगरानी कर रही है।'
उन्होंने बताया कि घायल वकील महेंद्र सिंह को वेंटिलेटर से तो हटा दिया गया है लेकिन उनकी हालत गंभीर है। उनके सिर में चोट लगी है और उन्हें भी गले में छोटा सा छेद करके ट्यूब द्वारा ऑक्सिजन दी जा रही है। उन्होंने कहा कि जब कोई भी मरीज चार दिन से ज्यादा वेंटिलेटर पर रहता है तो उसे ऑक्सिजन देने के लिए ट्रैकियोस्टोमी विधि का इस्तेमाल किया जाता है इससे पर्याप्त ऑक्सिजन भी मरीज को मिलती रहती है और फेंफड़ों आदि की सफाई करने में भी आसानी होती है।
डॉ. तिवारी ने कहा, 'कॉलेज के चिकित्सकों का दल पीड़िता और उनके वकील का इलाज करने में पूरी तरह से समर्थ है और केजीएमयू के सबसे अच्छे डॉक्टरों की टीम दोनों का इलाज कर रही है।' उन्होंने कहा कि घायलों के परिजन की भी यही इच्छा है कि इन दोनों का इलाज लखनऊ में ही कराया जाए।
साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी पीटीआई द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है। यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है।
सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायल उन्नाव बलात्कार पीड़िता और उसके वकील की हालत शनिवार को सातवें दिन भी गंभीर बनी हुई है। पीड़िता को निमोनिया हो गया है और वह वेंटिलेटर पर है जबकि वकील को वेंटिलेटर से तो हटा लिया गया है लेकिन उनकी हालत अब भी गंभीर है।
किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के ट्रॉमा सेंटर के प्रभारी डॉ. संदीप तिवारी ने शनिवार को बताया, 'पीड़िता अब भी वेंटिलेटर पर है। उसे निमोनिया हो गया है जिससे उसको बुखार आ रहा है। उसे ब्लडप्रेशर नियमित करने की दवा भी दी जा रही है। पीड़िता के गले में छोटा सा छेद करके (ट्रैकियोस्टोमी) ट्यूब द्वारा ऑक्सिजन दी जा रही है, उसे अभी तक होश नहीं आया है और डॉक्टरों की टीम 24 घंटे उसकी निगरानी कर रही है।'
उन्होंने बताया कि घायल वकील महेंद्र सिंह को वेंटिलेटर से तो हटा दिया गया है लेकिन उनकी हालत गंभीर है। उनके सिर में चोट लगी है और उन्हें भी गले में छोटा सा छेद करके ट्यूब द्वारा ऑक्सिजन दी जा रही है। उन्होंने कहा कि जब कोई भी मरीज चार दिन से ज्यादा वेंटिलेटर पर रहता है तो उसे ऑक्सिजन देने के लिए ट्रैकियोस्टोमी विधि का इस्तेमाल किया जाता है इससे पर्याप्त ऑक्सिजन भी मरीज को मिलती रहती है और फेंफड़ों आदि की सफाई करने में भी आसानी होती है।
डॉ. तिवारी ने कहा, 'कॉलेज के चिकित्सकों का दल पीड़िता और उनके वकील का इलाज करने में पूरी तरह से समर्थ है और केजीएमयू के सबसे अच्छे डॉक्टरों की टीम दोनों का इलाज कर रही है।' उन्होंने कहा कि घायलों के परिजन की भी यही इच्छा है कि इन दोनों का इलाज लखनऊ में ही कराया जाए।
साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी पीटीआई द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है। यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है।