केंद्र सरकार ने हाल ही में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने का फैसला करने के साथ ही प्रदेश को दो अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने का फैसला किया। इनमें से एक जम्मू-कश्मीर और दूसरा केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख बना है। भारत में हुए इस फैसले के बाद से पाकिस्तान बौखलाया हुआ है और इस बौखलाहट में सीमा पार व्यापार रोकने और रेल परिवहन रोकने जैसे कई फैसले इमरान सरकार ने लिए हैं। पाकिस्तान की तरफ से होने वाली किसी भी नापाक हरकत से निपटने के लिए सेना ही नहीं, नौसेना भी तैयार है।
अनुच्छेद 370 पर मोदी सरकार के फैसले के बाद सुरक्षा एजेंसियों की एक रिपोर्ट सामने आई थी कि पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी हमला कर सकते हैं। इसके बाद से नौसेना ने सभी बेस को हाई अलर्ट पर रखा है। साथ ही समुद्र मार्गों पर कड़ी नजर रखी जा रही है।
समाचार एजेंसी एएनआई की खबर के मुताबिक, भारतीय नौसेना ने अपने सभी नौसैन्य ठिकानों और युद्धपोतों को हाईअलर्ट पर रखा है। पाकिस्तान से सीधे हमले की तो कोई आशंका फिलहाल नहीं है, लेकिन आतंकवादियों की आड़ में पड़ोसी देश किसी नापाक हरकत को अंजाम दे सकता है। वैसे भी स्वतंत्रता दिवस यानि 15 अगस्त नजदीक है। आतंकवादी ऐसे ही मौके की तलाश में रहते हैं।
Sources: Indian Navy puts all its bases and warships on high alert. Measures taken after Article 370 was revoked by the government and also due to possibility of Pakistan-backed terrorists carrying out any attack
— ANI (@ANI) 9 August 2019
भारत में अनुच्छेद 370 हटाए जाने के फैसले के बाद पाकिस्तान में आनन-फानन में नेशनल असेंबली की बैठक बुलाई गई। पड़ोसी देश में पक्ष-विपक्ष के तमाम नेताओं ने भारत के इस फैसले पर विरोध जताया। यही नहीं नेशनल असेंबली में ही यह बात भी कही गई कि भारत में फिर पुलवामा जैसा कोई आतंकी हमला होगा और वह फिर से इसके लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराएंगे। पाकिस्तान की संसद में तो पुलवामा आतंकी हमले को नाटक तक करार दिया गया।
पाकिस्तान आतंकवादी संगठन 'मुजाहिद बटालियन' का इस्तेमाल लाइन ऑफ कंट्रोल (एलओसी) पर भारतीय सुरक्षा बलों पर हमला करने के लिए कर सकता है। यह आतंकी हमला फिदायीन हो सकता है। इस खुफिया रिपोर्ट के सामने आने के बाद सुरक्षाबलों को अलर्ट रहने का निर्देश जारी किया गया है।
साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी एएनआई द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है। यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है।