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भारतीय जनता पार्टी की वरिष्ठ नेता और देश की पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का मंगलवार, 6 अगस्त को 67 साल की उम्र में निधन हो गया। दिल का दौरा पड़ने के बाद मंगलवार रात साढ़े 9 से 10 बजे के बीच उन्हें दिल्ली स्थित ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एम्स) में भर्ती करवाया गया था। रात 9:35 बजे अचेतावस्था में एम्स लाया गया था। रात 10:50 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली।

उनकी पार्थिव देह अंतिम दर्शन के लिए बुधवार दोपहर 12 से 3 बजे के बीच भाजपा मुख्यालय में रखी जाएगी। इसके बाद लोधी रोड शवदाह गृह में अंतिम संस्कार होगा।

विदेश मंत्री के कार्यकाल के दौरान सोशल मीडिया पर शिकायतों को सुनने और उनके निपटारे के लिए काफी लोकप्रिय रहीं सुषमा अपनी जिंदगी के आखिरी दिन भी सोशल मीडिया पर सक्रिय रहीं।

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Twitter / @ANI

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुषमा स्वराज के निधन पर शोक जताते हुए ट्वीट किया, 'भारतीय राजनीति का एक गौरवशाली अध्याय खत्म हो गया। एक ऐसी नेता जिन्होंने जन सेवा और गरीबों का जीवन संवारने के लिए अपनी जिंदगी समर्पित कर दी, उनके निधन पर भारत दुखी है। सुषमा स्वराज जी अपनी तरह की इकलौती नेता थीं, वह करोड़ों लोगों के लिए प्रेरणा की स्रोत थीं।'

अपनी मौत से कुछ घंटे पहले ही सुषमा स्वराज ने ट्वीट कर प्रधानमंत्री मोदी को जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म किए जाने पर बधाई दी थी। उन्होंने अपने आखिरी ट्वीट में लिखा, 'प्रधानमंत्री जी- आपका हार्दिक अभिनन्दन। मैं अपने जीवन में इस दिन को देखने की प्रतीक्षा कर रही थी।' संयोग देखिए कि इस ट्वीट के कुछ घंटे बाद ही उनके निधन की खबर आई।

प्रखर वक्ता और विदुषी के रूप में पहचान बनाने वाली सुषमा स्वराज मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में विदेश मंत्री थीं। वह अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में भी मंत्री रही थीं। उससे भी पहले 1977 में हरियाणा सरकार में मंत्री बनी थीं और सबसे कम उम्र की कैबिनेट मंत्री का रिकॉर्ड बनाया था।

16वीं लोकसभा में वह मध्य प्रदेश के विदिशा से सांसद चुनी गई थीं। इस बार उन्होंने खराब स्वास्थ्य की वजह से चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया था। विदेश मंत्री रहते हुए वह सोशल मीडिया पर शिकायतों को सुनने और उनके निपटारे के लिए काफी लोकप्रिय थीं। वह दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री भी थीं।