प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीIANS

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को साल के आखिरी ''मन की बात'' कार्यक्रम में कहा कि नयी पीढ़ी को अराजकता, जातिवाद, परिवारवाद आदि पसंद नहीं है और उन्हें अव्यवस्था से चिढ़ है। ऐसे में आने वाला दशक निश्चित तौर पर युवाओं और उनके सामर्थ्य के साथ देश के विकास का दशक साबित होगा ।

आकाशवाणी पर प्रसारित 'मन की बात'' में अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा, ''आने वाला दशक न केवल युवाओं के विकास का होगा, बल्कि युवाओं के सामर्थ्य से, देश का विकास करने वाला भी साबित होगा और भारत को आधुनिक बनाने में इस पीढ़ी की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है।''

उन्होंने अपने संबोधन में लाोगों से स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने की अपील की। उन्होंने हाल के सूर्य ग्रहण और भारतीय खगोल विज्ञान के प्राचीन इतिहास का जिक्र किया। उन्होंने संसद सत्र में बेहतर कामकाज का भी उल्लेख किया। उन्होंने स्कूलों, कालेजों, विश्वविद्यालयों में आयोजित होने वाले 'एल्युमिनाई' समारोह एवं इसके माध्यम से अलग अलग क्षेत्रों में पूर्व छात्रों द्वारा आयोजित अभिनव कार्यक्रमों का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि हम सब अनुभव करते हैं कि हमारी ये पीढ़ी बहुत ही प्रतिभाशाली है। कुछ नया करने का, अलग करने का, उसका ख्वाब रहता है। उसके अपने विचार भी होते हैं और सबसे बड़ी खुशी की बात ये है, और विशेषकर इन दिनों युवाओं को हम देखते हैं, तो वो व्यवस्था को पसंद करते हैं।

मोदी ने कहा कि युवा व्यवस्था का अनुसरण भी करना पसंद करते हैं। और कभी, कहीं व्यवस्था ठीक ढंग से प्रत्युत्तर ना करे तो वे बैचेन भी हो जाते हैं और हिम्मत के साथ सवाल भी करते हैं। उन्होंने कहा, ''मैं इसे अच्छा मानता हूँ। एक बात तो पक्की है कि हमारे देश के युवाओं को, हम ये भी कह सकते हैं, अराजकता के प्रति नफ़रत है। अव्यवस्था, अस्थिरता, इसके प्रति, उनको बड़ी चिढ़ है। वे परिवारवाद, जातिवाद, अपना-पराया, स्त्री-पुरुष, इन भेद-भावों को पसंद नहीं करते हैं।''

प्रधानमंत्री की यह टिप्पणी ऐसे समय आई है जब संशोधित नागरिकता कानून सहित कुछ अन्य विषयों पर छात्रों का विरोध प्रदर्शन हुआ है। इन विरोध प्रदर्शनों ने कुछ स्थानों पर हिंसक रूप भी ले लिया। प्रधानमंत्री ने इस संदर्भ में कहा कि आगामी 12 जनवरी को विवेकानंद जयंती पर जब देश युवा-दिवस मना रहा होगा, तब प्रत्येक युवा, इस दशक में, अपने इस दायित्व पर जरुर चिंतन भी करे और इस दशक के लिए अवश्य कोई संकल्प ले।

मोदी ने कहा, ''कभी-कभी हम देखते हैं कि हवाई अड्डे पर या सिनेमा थियेटर में भी, अगर कोई कतार में खड़ा है और बीच में कोई घुस जाता है तो सबसे पहले आवाज उठाने वाले युवा ही होते हैं। और हमने देखा है कि ऐसी कोई घटना होती है तो दूसरे नौजवान तुरंत अपना मोबाइल फोन निकाल करके उसकी वीडियो बना देते हैं और देखते-ही-देखते वो वीडियो वायरल भी हो जाता है।''

उन्होंने कहा कि जो गलती करता है वो महसूस करता है कि क्या हो गया! तो एक नए प्रकार की व्यवस्था, नए प्रकार का युग, नए प्रकार की सोच, इसको हमारी युवा-पीढ़ी परिलक्षित करती है। आज, भारत को इस पीढ़ी से बहुत उम्मीदे हैं। इन्हीं युवाओं को, देश को, नई ऊँचाई पर ले जाना है। मोदी ने कहा कि 2019 की विदाई का पल हमारे सामने है। तीन दिन के भीतर-भीतर 2019 विदाई ले लेगा और हम ना सिर्फ 2020 में प्रवेश करेंगे, नए साल में प्रवेश करेंगे, नये दशक में प्रवेश करेंगे, 21वीं सदी के तीसरे दशक में भी प्रवेश करेंगे।

उन्होंने कहा, ''मैं सभी देशवासियों को 2020 के लिए हार्दिक शुभकामनायें देता हूँ। इस दशक के बारे में एक बात तो निश्चित है इसमें, देश के विकास को गति देने में वो लोग सक्रिय भूमिका निभायेंगे जिनका जन्म 21वीं सदी में हुआ है-जो इस सदी के महत्वपूर्ण मुद्दों को समझते हुये बड़े हो रहे हैं।''

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Reuters

प्रधानमंत्री मोदी ने स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए लोगों से अपील की। उन्होंने कहा, "मेरा सुझाव है कि क्या हम स्थानीय स्तर पर बने उत्पादों को प्रोत्साहन दे सकते हैं? क्या उन्हें अपनी खरीदारी में स्थान दे सकते हैं?" उन्होंने कहा कि 2022 में आजादी के 75 वर्ष पूरे हो रहे हैं। ऐसे में देशवासियों के हाथों की बनी चीजें खरीदने का आग्रह करता हूं। स्थानीय उत्पादों पर बल दें।

उन्होंने कहा कि यह हमारे लिए जरूरी है कि देश के नागरिक आत्मनिर्भर बनें और सम्मान से जिंदगी जीयें। उन्होंने कहा कि देशवासियों के हाथों से बना, जिसमें देशवासियों के पसीने की महक हो, ऐसी चीजों को खरीदने का आग्रह कर सकते हैं? ''मैं लम्बे समय के लिए नहीं कहता हूँ, सिर्फ 2022 तक, आज़ादी के 75 साल होने तक।''

उन्होंने कहा कि ये काम, सरकारी नहीं होना चाहिए, स्थान-स्थान पर नौजवान आगे आएं, छोटे-छोटे संगठन बनायें, लोगों को प्रेरित करें, समझाएं और तय करें - आओ, हम लोकल खरीदेंगे, स्थानीय उत्पादों पर बल देंगे, देशवासियों के पसीने की जिसमें महक हो - वही, मेरे आज़ाद भारत का सुहाना पल हो, इन सपनों को लेकर हम चलें।

मोदी हालिया सूर्य ग्रहण का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि 26 तारीख को इस दशक का आखिरी सूर्य ग्रहण हुआ। उन्होंने कहा कि भारत में खगोल-विज्ञान का प्राचीन और गौरवशाली इतिहास रहा है। आकाश में टिमटिमाते तारों के साथ हमारा संबंध उतना ही पुराना है, जितनी पुरानी हमारी सभ्यता है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले छह महीनों में संसद के दोनों सदन बहुत ही उत्पादक रहे हैं। लोकसभा ने 114 प्रतिशत और राज्यसभा ने 94 प्रतिशत काम किया।

उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में कौशल विकास कार्यक्रम 'हिमायत' के तहत पिछले दो साल में 18 हजार युवाओं को प्रशिक्षण दिया गया है। इनमें से करीब पांच हजार लोग अलग-अलग जगह नौकरी कर रहे हैं और कई स्वरोजगार की ओर बढ़ रहे हैं।

साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी पीटीआई द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है. यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है.