सांकेतिक तस्वीरक्रिएटिव कॉमन्स

इंडोनेशिया के बाली में छुट्टियां मनाने के दौरान एक सैलानी को हाथों पर मिलावटी मेहंदी से टैटू बनवाना इतना महंगा पड़ा कि उसे उसके प्रभाव से हुई गंभीर एलर्जी के चलते अस्पताल में भर्ती होना पड़ा.

पीड़ित, जिसका सिर्फ अंतिम नाम वांग पता चल सका है ने शुरू में तो सोचा कि उसके सीधे हाथ में सनबर्न हो गया है लेकिन कुछ ही समय में उसका हाथ लाल पड़ गया और बुरी तरह से सूज गया.

इस घटना के बाद बाली आने वाले सैलानियों को मेहंदी से बनने वाली अस्थाई टैटू को लेकर चेतावनी दी गई है जो उनके स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव तो डाल ही सकते हैं साथ ही जानलेवा भी साबित हो सकते हैं.

साउथ चाईना माॅर्निंग पोस्ट के अनुसार वुहान नंबर वन हाॅस्पिटल के त्वचा रोग विशेषज्ञ चेन लियूकी का कहना है कि आज के समय में ऐसी घटनाएं तेजी से बढ़ती जा रही हैं.

उनका कहना है कि कृत्रिम काली डाई में मौजूद मिथाइल एक्रिलेट एलर्जी पैदा कर सकता है जिसके प्रभाव से स्थाई घाव होने से लेकर मौत होने तक की संभावना हो सकती है.

चेंग्दू की एक मशहूर टैटू शाॅप - एक्सटैटू के मालिक लुओ यिकियाओ चेतावनी देते हैं कि बाली जैसे पर्यटन स्थलों पर माॅल की दुकानों में अधिकतर उपभोक्ताओं पर ऐसी कृत्रिम काली डाई का इस्तेमाल किया जाता है. वेबसाइट के अनुसार उनका यह भी कहना है कि यह काली इंक अस्थाई टैटू को वास्तविक मेहंदी के लाल-भूरे रंग की तुलना में अधिक वास्तविकता प्रदान करती है.

खबर के अनुसार उन्होंने आगे कहा, ''आमतौर पर काली स्याही में मिथाइल एक्रिलेट मिलाया जाता है क्योंकि यह टैटू को अधिक वास्तविक बनाता है जबकि मेहंदी का रंग अधिक लाल-भूरा होता है.''

शंघाई के मशहूर औेर अनुभवी टैटू विशेषज्ञ हू डेलियंग लोगों से निवेदन करते हैं कि वे अस्थाई टैटू बनवाते समय मूल लाल-भूरे रंग को छोड़कर अन्य किसी रंग के पीछे न भागें और उन रंगों से बचें.