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2018 में धारा 377 ख़त्म करने वाले सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फ़ैसले के बाद भारत समलैंगिकता को कानूनी मान्यता देने वाले एक उदार देश के रूप में एक कदम आगे बढ़ गया है, क्योंकि पहले यह धारा समलैंगिकता को अपराध मानती थी, जिसे कलंक माना जाता था। इस कलंक की गहरी भावना की वजह से पॉपुलर सिनेमा में एलजीबीटी समुदाय के बारे में बहुत कम फ़िल्में बनी हैं। लेकिन अब इस धारा के ख़त्म होने के बाद एक ऐसी यूनीक फ़िल्म बन रही है जिस का टाईटल है 'हम भी अकेले, तुम भी अकेले'।

बॉलीवुड की मुख्यधारा में यह पहली बार होगा जब दो मुख्य किरदार गे पुरूष और लेस्बियन महिला की भूमिका निभाएंगे। सिंगापुर फ़िल्म मार्केट में चुनी जानी वाले टॉप 10 स्क्रीनप्लेज़ में इस फ़िल्म का शुमार था और नो मैन्स लैंड फ़िल्म के ऑस्कर विजेता प्रॉडूयसर मार्क बशेट ने इसे अब तक की सबसे यूनीक लव स्टोरी बताया।

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यह मुख्य भूमिकाएं निभा रहे हैं अंशुमन झा और ज़रीन ख़ान। फ़िल्म का निर्देशन कर रहे हैं हरीश व्यास जिन की 2017 में पंकज त्रिपाठी और अंशुमन के साथ आई फ़िल्म अंग्रेज़ी में कहते हैं को सबसे ज़्यादा सकारात्मक रिव्यू मिले थे। यह फ़िल्म एक ख़ास कहानी है ऐसे दो किरदारों के प्यार और रिशते की जो अलग सेक्सुएलिटी के होते हैं और एक सफ़र के दौरान दोनों में जीवन भर का एक गहरा मानवीय रिशता बन जाता है।

फ़िल्म की शूटिंग दिल्ली, चंडीगढ़, मेरठ में हो चुकी है और बाकी का हिस्सा जल्द ही धर्मशाला/मक्लॉडगंज और मुंबई में शूट होने वाला है। यह फ़िल्म 2020 के वेलेनटाईन्स डे पर रिलीज़ होगी।