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भारतीय वायु सेना (आईएएफ) ने गुरुवार, 13 जून को इस बात की पुष्टि की कि उसके दुर्घटनाग्रस्त हुए एएन-32 विमान में सवार वायु सेना के सभी 13 जवान मारे गए हैं। मलबे की जांच में चालक दल का कोई भी सदस्‍य जिंदा नहीं मिला। ट्विटर पर इस बाबत जानकारी देते आईएएफ ने ट्वीट किया: "बचाव दल के आठ सदस्य आज सुबह दुर्घटनास्थल पर पहुंच गए हैं। आईएएफ को यह बताते हुए दुख हो रहा है कि एएन-32 विमान दुर्घटना में कोई नहीं बचा है।"

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आईएएफ ने उन बहादुर वायु-योद्धाओं को श्रद्धांजलि अर्पित की, जिन्होंने एएन-32 दुर्घटना में अपनी जान गंवा दी। भारतीय वायुसेना ने ट्वीट किया, "आईएएफ पीड़ितों के परिवारों के साथ खड़ा है। उनकी आत्मा को शांति मिले।" इस दुखद हादसे में मारे गए सभी लोगों के परिवार को इसकी सूचना दे दी गई है।

भारतीय वायुसेना के लगभग 8-10 कर्मियों को अरुणाचल प्रदेश के लिपो में दुर्घटनास्थल के पास सफलतापूर्वक हवाई जहाज से उतारा गया था, जहां मंगलवार (11 जून) को लापता भारतीय वायुसेना के विमान के मलबे को लगभग 11,000 फीट की ऊंचाई पर पहाड़ों में देखे जाने की आईएएफ द्वारा पुष्टि की गई थी।

इस दल में एयरफोर्स, आर्मी के जवान और पर्वतारोही शामिल थे। बचाव दल को पहले एयरलिफ्ट करके मलबे के पास ले जाया गया और फिर उन्‍हें हेल‍िड्रॉप किया गया। इससे पहले मंगलवार को भारतीय वायुसेना के लापता विमान एएन-32 का मलबा अरुणाचल के सियांग जिले में देखा गया था। दुर्घटना वाला इलाका काफी ऊंचाई पर और घने जंगलों के बीच है, ऐसे में विमान के मलबे तक पहुंचना सबसे चुनौतीपूर्ण काम था।

दुर्घटना में मारे गए 13 लोगों में 6 अधिकारी और 7 एयरमैन हैं। मारे गए लोगों में विंग कमांडर जीएम चार्ल्‍स, स्क्वाड्रन लीडर एच विनोद, फ्लाइट लेफ्टिनेंट आर थापा, फ्लाइट लेफ्टिनेंट ए तंवर, फ्लाइट लेफ्टिनेंट एस मोहंती और फ्लाइट लेफ्टिनेंट एमके गर्ग, वॉरंट ऑफिसर केके मिश्रा, सार्जेंट अनूप कुमार, कोरपोरल शेरिन, लीड एयरक्राफ्ट मैन एसके सिंह, लीड एयरक्राफ्ट मैन पंकज, गैर लड़ाकू कर्मचारी पुतली और राजेश कुमार शामिल हैं।

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आपको बता दें कि 3 जून को असम के एयरबेस से उड़ान भरने के बाद क्रू मेंबर और एयरफोर्स के 13 लोगों के साथ एएन- 32 अरुणाचल प्रदेश के मेचुका घाटी स्थित मेचुका अडवांस्ड लैंडिंग ग्राउंड जा रहा था।

विमान की तलाश में वायु सेना, सेना, जिला और स्थानीय प्रशासन सघन तलाशी अभियान चला रहे थे। हेलीकॉप्टर और सी-130जे विमान दिन में खोजी अभियान चला रहे थे, जबकि यूएवी व सी-130जे विमान रात में अभियान जारी रख रहे थे। सेना, आईटीबीपी, राज्य पुलिस और स्थानीय लोग लगातार जमीन पर इसकी तलाश कर रहे थे।

खराब मौसम के कारण दो दिन से हवाई तलाशी अभियान में परेशानी आई थी, लेकिन सोमवार को फिर से इसे शुरू कर दिया गया था। गौरतलब है कि शनिवार को वायुसेना ने विमान का सुराग देने वाले को 5 लाख रुपये का इनाम देने की घोषणा की थी।