देश की राजनीती को हिला कर रख देने वाले अगस्ता-वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर सौदे के एक बिचौलिये क्रिश्चियन मिशेल को दुबई से प्रत्यर्पित मंगलवार रात भारत लाया गया. मिशेल को एक प्राइवेट विमान के जरिये क्रिश्चियन मिशेल को दुबई से भारत लाया गया है. इस दौरान मिशेल के साथ यूएई के रक्षा मंत्रालय के अधिकारी भी मौजूद रहे.
बता दें कि सीबीआई की तरफ से बयान जारी कर कहा गया था कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारअजित डोभाल के 'निर्देशन के तहत एक अभियान' में क्रिश्चियन मिशेल को भारत प्रत्यर्पित किया जा रहा है. पिछले महीने ही दुबई कोर्ट में उसकी याचिका खारिज हो गई थी उसके बाद यह कार्रवाई की गई है.
सीबीआई अब मिशेल को पटियाला हाउस कोर्ट में पेश करेगी. मिशेल को मंगलवार रात करीब 11 बजे भारत लाया गया. सीबीआई ने बयान दिया है कि मिशेल को भारत लाने के ऑपरेशन को अजीत डोभाल के निर्देशन में अंजाम दिया गया.
#WATCH: Christian Michel, alleged middleman in AgustaWestland chopper deal, brought to Delhi after being extradited from UAE pic.twitter.com/33e23YkNm9
— ANI (@ANI) December 4, 2018
सीबीआई के मुताबिक इस ऑपरेशन में सीबीआई के इनचार्ज डायरेक्टर एम नागेश्वर राव के कोऑर्डिनेशन से इस ऑपरेशन को अंजाम दिया गया. इसके अलावा सीबीआई के जॉइंट डायरेक्टर साई मनोहर के नेतृत्व में टीम ने दुबई में रहकर मिशन को पूरा करने में अहम भूमिका निभाई.
बता दें कि सीबीआई के दो शीर्ष अधिकारियों राकेश अस्थाना और आलोक वर्मा के बीच छिड़ी अदालती लड़ाई के बीच इस संस्था के लिए यह राहत भरी खबर है. अधिकारियों की कानूनी लड़ाई और आरोपों-प्रत्यारोपों के बीच सीबीआई ने मिशेल को भारत लाकर अहम सफलता हासिल की है.
बता दें कि 54 साल के मिशेल की तलाश 36 हजार करोड़ के वीवीआईपी हेलिकॉप्टर सौदे को लेकर भारत को थी. यह सौदा यूपीए सरकार के समय हुआ था जिसके तहत 12 लग्जरी हेलिकॉप्टर खरीदे जाने थे जिनका इस्तेमाल राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री दूसरे वीआईपी लोगों के लिए होना था.
क्रिश्चियन माइकल उन इस सौदे में शामिल तीन बिचौलियों में से एक है. इसके अलावा ग्यूडो हैशके और कार्लो गेरोसा है. मिशेल (57) दुबई में अपनी गिरफ्तारी के बाद से जेल में था और उसे यूएई में कानूनी और न्यायिक कार्यवाही के लंबित रहने तक हिरासत में भेज दिया गया था.
भारत के लिहाज से देखा जाए तो यह एक बड़ी कामयाबी है, क्योंकि 3600 करोड़ के अगस्ता वेस्टलैंड सौदे में देश के शीर्ष राजनीतिक नेतृत्व पर सवाल उठते रहे हैं. खासतौर पर कांग्रेस की सीनियर लीडरशिप पर आरोप लगते रहे हैं. हालांकि, क्रिश्चियन मिशेल हर फोरम पर चॉपर डील में कांग्रेस नेतृत्व के शामिल होने की बात खारिज करता रहा है.