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हैदराबाद में पशु चिकित्सक के साथ गैंगरेप और हत्या के चारों आरोपी शुक्रवार, 6 दिसंबर को पुलिस के साथ मुठभेड़ में मारे जाने के बाद अब राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग भी सक्रिय हो गया है। शनिवार को आयोग की टीम ने हैदराबाद पहुंचकर जांच की। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि एनएचआरसी की टीम ने महबूबनगर के सरकारी अस्पताल का भी दौरा किया, जहां चारों आरोपियों के शव पोस्टमॉर्टम के बाद रखे गए हैं।

एनएचआरसी ने कथित मुठभेड़ में चार आरोपियों के मारे जाने पर संज्ञान लेते हुए शुक्रवार को जांच के आदेश दिए थे। देश में मानवाधिकार की सर्वोच्च संस्था ने कहा था कि मुठभेड़ चिंता का विषय है और इसकी सावधानीपूर्वक जांच किए जाने की जरूरत है।

एनएचआरसी ने कहा, 'आयोग की राय है कि इस मामले की जांच बेहद सावधानीपूर्वक किए जाने की जरूरत है। इसी के अनुरूप, उसने अपने महानिदेशक (अन्वेषण) को तत्काल एक टीम मामले की जांच के लिए मौके पर भेजने को कहा है।'

कहा जा रहा है कि एनएचआरसी की यह टीम चट्टनपल्ली गांव में मुठभेड़ स्थल और शहर के बाहरी इलाके में स्थित टोल प्लाजा का दौरा कर सकती है, जहां 27 नवंबर की रात महिला के साथ कथित तौर पर सामूहिक दुष्कर्म हुआ था। चारों आरोपियों का पोस्टमॉर्टम महबूबनगर जिले के सरकारी जिला अस्पताल में हुआ और इसकी विडियॉग्रफी भी कराई गई है।

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तेलंगाना हाई कोर्ट ने शुक्रवार को प्रदेश सरकार को निर्देश दिया था कि वह चारों आरोपियों के शव 9 दिसंबर को रात 9 बजे तक सुरक्षित रखे। हैदराबाद के निकट शुक्रवार की सुबह पुलिस के साथ मुठभेड़ में चारों आरोपी मार गिराए गए थे। इन चारों को 25 वर्षीय महिला से दुष्कर्म और हत्या के आरोप में 29 नवंबर को गिरफ्तार किया गया था।

बता दें कि शुक्रवार तड़के हुए इस मुठभेड़ को लेकर लोग दो धड़ों में बंटे नजर आ रहे हैं। एक वर्ग इसका समर्थन कर रहा है तो तमाम लोगों ने यह भी कहा है कि इस तरह से गैर-न्यायिक हत्याएं ठीक नहीं है।

यही नहीं कांग्रेस, बीजेपी समेत कई राजनीतिक दलों के दिग्गज नेताओं ने भी इस पर सवाल खड़े किए हैं। हालांकि तमाम हस्तियों ने इसे न्याय करार देते हुए इस कार्रवाई का स्वागत किया है।

साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी पीटीआई द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है. यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है.