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राजधानी दिल्ली के अशोक विहार फेज-3 इलाके में सावन पार्क के नजदीक बुधवार सुबह एक तीन मंजिला इमारत गिर गई. इस हादसे में 4 बच्चों और एक महिला की मौत हो गई है जबकि कई घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. मौके पर राहत बचाव की टीम हादसे में प्रभावित लोगों की मदद में जुटी हुई है. अधिकारियों का कहना है कि इस हादसे के पीछे कौन लोग जिम्मेदार हैं इसकी जांच की जाएगी, लेकिन पहली प्राथमिकता मलबे में फंसे लोगों को बचाने की है.

जानकारी के मुताबिक, इसमें 5 से 6 परिवार रह रहे थे, जिस वक्त हादसा हुआ बिल्डिंग में 20 से 22 लोग मौजूद थे, जिसमें बच्चे भी शामिल हैं. सभी लोग बिल्डिंग में किराए पर रह रहे थे. 11 लोगो को बिल्डिंग से रेस्क्यू कर निकाला गया है. कुछ और लोगों की दबे होने की संभावना है, जिसके लिए रेस्क्यू का काम चल रहा था. स्थानीय पार्षद का कहना है कि इमारत 15 साल पुरानी है, जिसको खाली करने का नोटिस भी दिया हुआ था, बावजूद इसके इसे खाली नहीं किया गया.

स्थानीय लोगों ने बताया कि सुबह नौ से साढ़े नौ के बीच ये हादसा हुआ. बिल्डिंग काफी पुरानी है और बिल्डिंग की हालत जर्जर हो रही थी. बावजूद इसके बिल्डिगं में कुछ परिवार रह रहे थे. बुधवार (26 सितंबर) की सुबह बिल्डिंग में रह रहे लोगों को निकलने का मौका भी नहीं मिला और बिल्डिंग अचानक भरभरा कर गिर गई.

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घटना के बाद लोगों ने पुलिस को सूचना दी और मलबे के नीचे दबे लोगों को बचाने का काम शुरू किया. पुलिस और अग्निशमन विभाग की टीम मौके पर पहुंच चुकी है. बिल्डिगं का मलवा हटाकर उसे दबे लोगों को बचाने की कोशिश की जा रही है. आपको बता दें कि बारिश के दौरान इमारतों के गिरने से होने वाले हादसों को रोकने के लिए दिल्ली समेत आसपास के शहरों में जर्जर भवनों को चिन्हित कर खाली कराने का अभियान शुरू किया गया था. बावजूद लगातार हादसे हो रहे हैं.

आपको बता दें कि दिल्ली के द्वारका, ग्रेटर नोएडा के शाहबेरी और गाजियाबाद के डासना फ्लाईओवर के पास इमारत गिर गई थी. इन हादसों में कई लोगों की जान गई थी. सबसे ज्यादा लोगों की मौत ग्रेटर नोएडा के शाहबेरी में हुई थी, यहां 9 लोगों की मौत हुई थी और कई दिनों तक रेस्क्यू चला था. गाजियाबाद में दो और द्वारका में दंपति की मौत हो गई थी.