वेतन मांगने पर झारखंड की एक 16 वर्षीय घरेलू सहायिका की हत्या कर उसके शव के 12 टुकड़े कर नाली में फेंक दिये गए. (सांकेतिक तस्वीर)
वेतन मांगने पर झारखंड की एक 16 वर्षीय घरेलू सहायिका की हत्या कर उसके शव के 12 टुकड़े कर नाली में फेंक दिये गए. (सांकेतिक तस्वीर)क्रिएटिव कॉमन्स

भारत की राजधानी दिल्ली में एक और दिल दहलाने वाली घटना में वेतन मांगने पर झारखंड की रहने वाली एक घरेलू सहायिका की हत्या कर उसके शव के 12 टुकड़े कर नाली में फेंक दिया गया. लड़की को कुछ व्यक्तियों द्वारा झारखंड से दिल्ली लाकर ईस्ट आॅफ कैलाश के एक घर में काम पर लगवाया गया था.

मृतका के शरीर के टुकड़े 4 मई को बाहरी दिल्ली की एक नाली में मिले थे और अब पुलिस ने हत्यारों में से एक अपने कब्जे में ले लिया है. आरोपी मनजीत करकेता पीड़िता को दिल्ली लाने वाले गैंग का एक हिस्सा है. गैंग के बाकी सदस्य अभी पुलिस की पकड़ से दूर हैं.

किशोरी रांची के पास के एक गांव की रहने वाली थी और दिल्ली में 6,000 हजार रुपये के मासिक वेतन पर घरेलू सहायिका के रूप में काम कर रही थी. हालांकि उसे एक भी पैसा नहीं मिला क्योंकि यह गैंग सारे पैसे ले जाता था. इस बीच वह लगभग तीन वर्ष तक चुप रही लेकिन कुछ दिनों से उसने इन लोगों से पैसे मांगने शुरू कर दिये थे क्योंकि वह अपने घर वापस जाना चाहती थी.

अतिरिक्त डीसीपी (बाहरी दिल्ली) राजेंद्र सिंह सागर ने इंडियन एक्स्प्रेस को बताया, ''पकड़े जाने पर मनजीत ने खुलासा किया कि वह तीन वर्ष पूर्व पीड़िता सोनी को अपने साथियों के साथ दिल्ली लाया था. इन्होंनो उसे ईस्ट आॅफ कैलाश के एक घर में नौकरी दिलवा दी थी.''

घटना की जानकारी देते हुए और किशोरी की क्रूर हत्या के घटनाक्रम की जानकारी देते हुए सागर ने आगे बताया, ''मनजीत सोनी को अपने नांगलोई स्थित घर गया और शांत करने की कोशिश की. ऐसा करने में विफल रहने पर उसने अपने साथियों शालू (31) और गौरी (36) के साथ मिलकर गला घोंटकर उसकी जान ले ली. इसके बाद उन्होंने शव के टुकड़े कर प्लास्टिक के थैलों में भरकर पास की ही एक नाली में फेंक दिया. हमें लड़की की पहचान के लिये शव के सर को धड़ के साथ जोड़ना पड़ा.''

इसके बाद पुलिस ने शव के फोटो खींचे और इस उम्मीद में 200 से भी अधिक घरों के चक्कर लगाए कि शायद कोई इसे पहचान ले.

सागर ने खुलाया किया, ''उनमें से एक व्यक्ति ने कहा कि उसने इस लड़की को भूतों वाली गली में देखा था. टीम उस घर पर पहुंची लेकिन उन्हें वहां ताला लगा मिला. आखिरकार 17 मई को मनजीत तब पुलिस के हत्थे चढ़ा जब वो घर पर आया.''

इसके बाद करकेता से पूछताछ की गई जिसमें उसने खुलाया किया कि वह अपने साथियों शालू और गौरी के साथ मिलकर गरीब घर की लड़कियों को दिल्ली लाता था और उन्हें नौकरानियों के रूप में काम पर लगवाता था. हालांकि जब मालिक वेतन का भुगतान करता था तो वह रकम करकेता के पास जाती थी जिसे वह अपनी दोनों महिला सहयोगियों के साथ बांट लेता था.

पुलिस इस मामले की विस्तृत जांच क लिये सोनी के नियोक्ता से भी संपर्क करेगी.