दिल्ली विधानसभा में कुल सत्तर सीटें हैं, पिछली बार जिनमें से आम आदमी पार्टी ने सड़सठ सीटें जीती थीं
दिल्ली विधानसभा में कुल सत्तर सीटें हैं, पिछली बार जिनमें से आम आदमी पार्टी ने सड़सठ सीटें जीती थींReuters

चुनाव आयोग ने सोमवार, 6 जनवरी को बहुप्रतीक्षित दिल्ली विधानसभा चुनावों के लिए मतदान और मतगणना की तारीख की घोषणा कर दी। दिल्ली की सभी 70 सीटों पर मतदान 8 फरवरी को एक ही चरण में होगा और नतीजे 11 फरवरी को घोषित किए जाएंगे।

मुख्य चुनाव आयुक्त अरोड़ा ने सोमवार को संवाददाताओं को बताया, ''दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए 14 जनवरी को अधिसूचना जारी की जायेगी । नामांकन पत्र दाखिल करने की अंतिम तिथि 21 जनवरी है जबकि नामांकन पत्र की जांच 22 जनवरी को होगी।'' उन्होंने बताया कि नामांकन पत्र वापस लेने की अंतिम तिथि 24 जनवरी है।

दिल्ली में विधानसभा की 70 सीटें हैं जिसमें से 58 सामान्य श्रेणी की है जबकि 12 सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं। अरोड़ा ने बताया कि दिल्ली विधानसभा चुनाव की तैयारियों के सिलसिले में विभिन्न कानून अनुपालन एजेंसियों के साथ व्यापक चर्चा की गई है जिसमें सुरक्षा से जुड़े आयाम भी शामिल हैं।उन्होंने कहा कि चुनाव तरीख की घोषणा के बाद ही आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू हो जाएगी।

दिल्ली विधानसभा का कार्यकाल 22 फरवरी 2020 को समाप्त हो रहा है। दिल्ली चुनाव में कुल मतदाताओं की संख्या 1,47,03,692 है जिसमें 1,46,92136 सामान्य मतदाता तथा 11,556 सर्विस वोटर हैं। दिल्ली विधानसभा के लिए इस बार कुल मतदान केंद्रों की संख्या 13,750 है। साल 2015 में मतदान केंद्रों की संख्या 11,763 थी। इस प्रकार से इनमें 16.89 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।

यहां आम आदमी पार्टी (आप), भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और कांग्रेस के बीच त्रिकोणीय मुकाबला है। दिल्ली विधानसभा में बहुमत के लिए 36 विधायकों की आवश्यकता है। 2015 के विधानसभा चुनाव में आप ने प्रचंड बहुमत हासिल किया था। अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में पार्टी को 70 में से 67 सीटों पर जीत हासिल हुई थी। बीजेपी को 3 सीटों से ही संतोष करना पड़ा था, जबकि कांग्रेस का खाता तक नहीं खुल पाया था। हालांकि, 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने दिल्ली की सभी 7 सीटों पर कब्जा जमाया है।

इस विधानसभा चुनाव में 1.46 करोड़ से अधिक मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सकेंगे। सोमवार को प्रकाशित अंतिम मतदाता सूची से यह जानकारी मिली। दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) रणबीर सिंह ने बताया कि अंतिम मतदाता सूची में यहां कुल 1,46,92,136 मतदाता हैं, जिनमें 80,55,686 पुरूष और 66,35,635 लाख महिलाएं तथा 815 तृतीय लिंग के मतदाता शामिल हैं।

उन्होंने बताया कि सभी मतदाताओं को क्यूआर कोड वाली मतदाता पर्ची मुहैया की जाएगी, जो आसानी से उनकी पहचान के जरिए मतदान में तेजी लाएगा। सीईओ ने कहा कि दिल्ली में 11.55 लाख से अधिक मतदाता 'एएसडी' (अनुपस्थित, दूसरी जगह जा चुके, मृत) श्रेणी के तहत आते हैं। उन्होंने कहा कि संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के तहत आने वाले शरणार्थियों के मतदाता सूची में इस बार पंजीकरण के बारे में कोई निर्देश नहीं है।

उन्होंने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ''अंतिम मतदाता सूची (एक जनवरी 2020 तक) के प्रकाशन के बावजूद कोई भी योग्य व्यक्ति विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन पत्र भरने की अंतिम तारीख तक पंजीकरण के लिए आवेदन कर सकता है।"

सिंह ने कहा, ''मतदाता सूची का विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण पिछले साल सितंबर-अक्टूबर में किया गया था। मतदाता सूची का मसौदा 15 नवंबर को प्रकाशित किया गया था, 26 दिसंबर तक आपत्तियां आमंत्रित की गईं थी और अब मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन किया जा रहा है।''

उन्होंने कहा कि 2019 की अंतिम मतदाता सूची की तुलना में दिल्ली में मतदाताओं की संख्या एक जनवरी 2020 की अंतिम सूची में 9.96 लाख बढ़ गई। उन्होंने कहा, ''60,848 नाम हटाए गए और 2,47,950 नाम जोड़े गये, जिससे करीब कुल 1,87,000 मतदाता जोड़े गए।''

विभिन्न श्रेणियों में मतदाताओं की संख्या इस प्रकार है-- 18 से 19 वर्ष के आयु वर्ग में 2,08,883 मतदाता हैं जबकि 80 साल से अधिक उम्र के 2,05,035 मतदाता हैं। वहीं, 489 प्रवासी भारतीय मतदाता और 11,556 सर्विस वोटर तथा 55,823 दिव्यांग मतदाता हैं।

मसौदा मतदाता सूची से नामों को हटाए जाने या जोड़े जाने में अनियमितता के बारे में किसी राजनीतिक दल या किसी अन्य की कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। सिंह ने बताया कि राजनीतिक दलों की एक बैठक आयोजित की जाएगी और उन्हें अंतिम मतदाता सूची की प्रतियां मुहैया की जाएगी। यह सीईओ की वेबसाइट पर भी उपलब्ध होगा।

उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव की तुलना में मतदाताओं की संख्या अंतिम मतदाता सूची में तीन लाख से अधिक बढ़ी है। समूची दिल्ली में 2,689 स्थानों पर 13,750 मतदान केंद्र हैं।

साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी पीटीआई द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है. यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है.