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IANS

महेंद्र सिंह धोनी ने भले ही अंतरराष्ट्रीय स्तर से संन्यास पर फैसला नहीं किया हो, लेकिन दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 15 सितंबर से धर्मशाला में शुरू हो रही भारत की तीन मैचों की टी20 घरेलू सीरीज की टीम में उनके चुने जाने की संभावना नहीं है। सीरीज के लिए टीम का चयन चार सितंबर को होने की उम्मीद है। अन्य दो मैच मोहाली (18 सितंबर) और बेंगलुरु (22 सितंबर) में खेले जाएंगे।

पूरी संभावना है कि वेस्ट इंडीज को 3-0 से हराने वाली टीम को बरकरार (फिटनेस को देखते हुए) रखा जाए। टीम चयन के लिए चयन समिति अक्टूबर 2020 में ऑस्ट्रेलिया में होने वाले विश्व टी20 को ध्यान में रखना चाहती है। बीसीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को कहा, 'विश्व टी20 के पहले मैच से पहले भारतीय टीम केवल 22 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेलेगी और चयनकर्ता स्पष्ट हैं कि यह आगे बढ़ने का समय है।'

उन्होंने कहा, 'वह सीमित ओवरों के लिए विशेषकर टी20 के लिए तीन विकेटकीपरों का पूल तैयार करने की योजना बना रहे हैं।' अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि बीसीसीआई अधिकारी या चयन समिति उनकी योजनाओं के बारे में जानकारी हासिल करने के लिए धोनी से बात करेंगे या नहीं जैसा कि उन्होंने वेस्ट इंडीज दौरे से पहले किया था जब पूर्व कप्तान ने सूचित किया था कि वह प्रादेशिक सेना में अपनी रेजीमेंट के लिए काम करने के मद्देनजर ब्रेक लेना चाहते हैं।

अधिकारी ने कहा, 'संन्यास लेना व्यक्तिगत फैसला है और चयनकर्ताओं को या फिर किसी को भी इस पर फैसला करने का अधिकार नहीं है, लेकिन उनके पास 2020 विश्व टी20 के लिए रोडमैप तैयार करने का पूरा अधिकार है और इसके अंतर्गत ऋषभ पंत को ज्यादा से ज्यादा मौके देना शामिल है।'

पता चला है कि चयन समिति का दूसरा विकल्प इशान किशन और तीसरा विकल्प संजू सैमसन होंगे। सैमसन की बल्लेबाजी पंत और भारत ए के नियमित खिलाड़ी इशान किशन के बराबर मानी जाती है। पंत सभी प्रारूपों में पहला विकल्प बने रहेंगे, क्योंकि चयनकर्ता फिटनेस और कार्यभार प्रबंधन को भी ध्यान में रखेंगे।

चयन समिति के कुछ सदस्य ए सीरीज के लिए तिरुवनंतपुरम में रहेंगे और सैमसन के प्रदर्शन को देखेंगे, क्योंकि उन्होंने अंतिम दो लिस्ट ए मैचों के लिए टीम में जगह बनाई है। जहां तक बल्लेबाजी का संबंध है तो चयन समिति का मानना है कि सैमसन शीर्ष स्तर के क्रिकेट के लिए तैयार हैं, लेकिन उनकी विकेटकीपिंग में अब भी सुधार हो रहा है।

साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी पीटीआई द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है। यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है।