जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को हटाए जाने के बाद बौखलाया पाकिस्तान भारत में अशांति फैलाने के लिए कई तरह के हथकंडे अपना रहा है।
पंजाब में पाकिस्तान द्वारा चाइनीज ड्रोन्स के जरिए हथियार पहुंचाए जाने की घटना को सरकार ने गंभीरता से लिया है। केंद्र ने आर्मी और बीएसएफ को पूरे भारत-पाकिस्तान बॉर्डर और एलओसी पर चौकसी बरतने के निर्देश दिए हैं। इसको लेकर एक रेड अलर्ट जारी किया गया है। सुरक्षाबलों को निर्देश दिए गए हैं कि वह बॉर्डर पर भविष्य में होने वाले ऐसी किसी भी हवाई घुसपैठ पर कड़ी नजर रखें।
बता दें कि पंजाब में खालिस्तानी आतंकी मॉड्यूल का खुलासा होने के बाद ड्रोन के जरिए हथियारों की सप्लाइ का मामला सामने आया है। बीते दिनों पंजाब के तरन-तारन जिले में 4 खालिस्तानी आतंकवादियों को गिरफ्तार किया गया था। इनके पास से भारी मात्रा में एके-47 समेत कई हथियार बरामद किए गए। जांच में पता चला कि इन हथियारों की सप्लाई जीपीएस-फिटेड ड्रोन की मदद से सीमा पार से की गई है।
पंजाब पुलिस ने बताया कि जीपीएस फिटेड ड्रोन पाकिस्तान से अब तक सात बार भारतीय सीमा में घुसपैठ कर चुका है। इसके जरिए हर बार 10 किलोग्राम तक का सामान भेजा जा सकता है। इनमें हथियार, गोला-बारूद, फेक करंसी शामिल हैं। ये सारा सामान पुलिस ने इन खालिस्तानी आतंकियों के पास से सीज किया है।
सेना और बीएसएफ के अफसरों ने बताया कि सैनिकों और निगरानी चौकियों पर जवानों को बेहद सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं। एक बीएसएफ अधिकारी ने कहा, 'यह इनके काम करने का नया तरीका है। इस नए तरीके के जरिए ये भारत में हथियार, गोला-बारूद भेज रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय सीमा पर कड़ी नजर रखने के लिए हमने अपने फौजियों को निर्देशित किया है।'
अधिकारी ने कहा कि सैनिकों को अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास किसी भी ड्रोन के दिखते ही गोली मारने के आदेश दिए गए हैं। इसके अलावा सेना ने कुपवाड़ा, बारामूला, पुंछ और राजौरी के सीमावर्ती इलाकों में पैट्रोलिंग बढ़ा दी है। आशंका जताई जा रही है कि सीमापार से आतंकी घुसपैठ हो सकती है। दक्षिण पश्चिमी कमान के चीफ लेफ्टिनेंट जनरल आलोक सिंह ने ड्रोन के जरिए हथियार सप्लाई की रिपोर्ट्स पर कहा कि फिलहाल चिंता करने की कोई बात नहीं है।
ड्रोन के जरिए हथियार सप्लाई की बात सामने आने पर पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मंगलवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से दखल देने की अपील की थी।
साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी पीटीआई द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है। यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है।