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करीब 2000 करोड़ रुपये के घोटाले में पुणे पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने बैंक ऑफ महाराष्ट्र (बीओएम) के वर्तमान चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक (एमडी) रविंदर मराठे और बैंक के पूर्व मुख्य प्रबंध निदेशक (सीएमडी) सुशील महनोत सहित 6 लोगों को गिरफ्तार किया.

बिल्डर डीएस कुलकर्णी से जुड़े 2000 करोड़ रुपये के घोटाले में मराठे को पुणे से, जबकि महनोत को जयपुर से गिरफ्तार किया गया. इन दोनों के अलावा पुणे से ही बैंक के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर राजेंद्र गुप्ता, कुलकर्णी के चार्टर्ड अकाउंटेंट सुनील घाटपांडे और डीएस कुलकर्णी डेवलपर्स लिमिटेड के इंजीनियरिंग विभाग के उपाध्यक्ष राजीव नेवासकर तथा अहमदाबाद से बैंक के जोनल मैनेजर नित्यानंद देशपांडे को गिरफ्तार किया गया.

इसके साथ ही इस मामले में अब तक कुल 12 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है.

इन सभी को अदालत में पेश करते हुए ईओडब्ल्यू ने कहा कि इन्होंने कर्ज देते समय आरबीआई की तरफ से तय बैंकिंग नियमों की जानबूझकर अनदेखी की जिसके बाद अदालत ने इन सभी को 27 जून तक पुलिस हिरासत में भेज दिया.

पुणे के नामी बिल्डरों में से एक कुलकर्णी और उनकी पत्नी हिमांती ने पुणे, मुंबई और कोल्हापुर में 9 अलग-अलग कंपनियां बनाकर करीब 33 हजार निवेशकों व फिक्स डिपॉजिट वाले उपभोक्ताओं के करोड़ों रुपये के घोटाले को अंजाम दिया.

एक आरटीआई कार्यकर्ता की शिकायत के बाद ईओडब्ल्यू ने मामले की जांच शुरू की थी. कुलकर्णी व उसकी पत्नी इस समय पुणे की यरवदा जेल में बंद हैं. इनके अलावा कुलकर्णी के बेटे शिरीष और एक अन्य परिजन केदार वांजपे पर भी घोटाले में शामिल होने का आरोप है.

इस मामले में ईओडब्ल्यू ने 17 मई को इन सभी के खिलाफ 2043.18 करोड़ रुपये के घोटाले के आरोप में करीब 36875 पेज की चार्जशीट विशेष अदालत में दाखिल की थी.