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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पेइचिंग पर हमला बोलते हुए चीन की ओर से नए शुल्क लगाने की योजना पर तुरंत जवाबी कार्रवाई का संकल्प लिया। ट्रंप ने अमेरिकी कंपनियों से चीन छोड़ने को भी कहा।

ट्रंप ने कहा कि हमें चीन की जरूरत नहीं है। अगर ईमानदारी से कहूं तो हम उनके बिना बेहतर होंगे। व्यापार युद्ध पहले ही अमेरिका की प्रगति की रफ्तार कम कर चुका है और वैश्विक अर्थव्यवस्था को कमजोर किया है और शेयर बाजारों की भी हालात खराब की है।

ट्रंप ने कहा, 'हमारे देश को इतने सालों में चीन में खरबों डॉलर का नुकसान हुआ है। उन्होंने एक साल में अरबों डॉलर कीमत की हमारी बौद्धिक संपदा चुराई है और वे यह जारी रखना चाहते हैं, लेकिन मैं यह नहीं होने दूंगा।'

उन्होंने कहा कि हमारी महान अमेरिकी कंपनियों को आदेश दिया जाता है कि वे चीन का विकल्प देखना शुरू कर दें और वे वापस देश आने का भी विकल्प रखें तथा अमेरिका में अपने उत्पाद बनाएं। इससे पहले चीन ने शुक्रवार को घोषणा की कि वह अमेरिका से आयात किए जाने वाले 75 अरब डॉलर के उत्पादों पर दस प्रतिशत का जवाबी शुल्क लगाएगा।

गौरतलब है कि ट्रंप सरकार ने 15 अगस्त को घोषणा की थी कि अमेरिका 300 अरब डॉलर के चीनी उत्पादों पर 10 प्रतिशत का अतिरिक्त शुल्क लगाएगा। यह शुल्क दो चरणों, 1 सितंबर और 15 दिसंबर को लागू होंगे। इसके जवाब में चीन ने अमेरिका में बने वाहनों और कलपुर्जों पर 25 प्रतिशत या 5 प्रतिशत का अतिरिक्त शुल्क लागू करने की घोषणा की है। यह शुल्क 15 दिसंबर को दोपहर 12 बजकर एक मिनट पर लागू होगा।

अमेरिका और चीन के बीच एक साल से भी ज्यादा समय से चल रहा ट्रेड वार सुलझ न पाने से वैश्विक अर्थव्यवस्था को भारी कीमत चुकानी पड़ रही है। दुनिया की प्रमुख नौ अर्थव्यवस्थाएं मंदी के कगार पर हैं। दोनों देशों के बीच ट्रेड वॉर जारी रहा तो 2021 तक अमेरिकी अर्थव्यवस्था मंदी की चपेट में आ सकती है।

साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी एएफपी द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है। यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है।