उत्तर कोरिया ने अपने सुप्रीम लीडर किम जोंग उन और अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के बीच दूसरी समिट फेल होने के बाद अपने राजदूत को मौत की सजा दे दी। एक दक्षिण कोरियाई अखबार की रिपोर्ट में बताया गया है कि किम हयोक चोल को उत्तर कोरिया ने अमेरिका के साथ संबंधों को बेहतर बनाने के लिए विशेष राजदूत बनाया था। उनके पास हनोई मीटिंग की रूपरेखा तय करने की जिम्मेदारी थी। वह किम के साथ उनके विशेष ट्रेन से गए थे।
रिपोर्ट के मुताबिक चोल को सुप्रीम लीडर के साथ विश्वासघात करने के लिए सजा के तौर पर गोली मार दी गई। अखबार चोसुन इबो ने सूत्रों के हवाले से बताया, 'जांच के बाद किम हयोक चोल को मार्च में मिरिम एयरपोर्ट पर विदेश मंत्रालय के चार अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ गोली मार दी गई।'
हालांकि रिपोर्ट में चार अन्य अधिकारियों के नाम सार्वजनिक नहीं किए गए हैं। चोल फरवरी में हनोई समिट में अमेरिका के विशेष प्रतिनिधि स्टीफन बीगन के समकक्ष थे। कोरियाई मामलों की देखरेख करने वाले दक्षिण कोरियाई मंत्रालय ने रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया देने से इनकार किया।
आपको बता दें कि पहले भी उत्तर कोरिया में कई वरिष्ठ नेताओं और अफसरों को मौत की सजा दिए जाने की खबरें आती रही हैं।
राजनयिक सूत्रों के हवाले से अखबार ने कहा कि समिट में एक गलती के कारण किम जोंग उन के महिला इंटरप्रेटर शिन हे यांग को जेल में डाल दिया गया था। दरअसल, जब ट्रंप ने 'नो डील' की घोषणा की तो वह किम के नए प्रस्ताव को ट्रांसलेट नहीं कर सकी थीं। गौरतलब है कि किम और ट्रंप दोनों नेता वियतनाम की राजधानी से बिना डील के ही लौट गए थे। वे प्योंगयांग परमाणु कार्यक्रम को लेकर किसी समझौते पर नहीं पहुंच सके थे।