भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने तेलंगाना के नारायणपेट में रविवार को एक जनसभा को संबोधित करते हुए एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी, टीआरएस प्रमुख के चंद्रशेखर राख और कांग्रेस पर जमकर निशाना साधते हुए कहा कि एआईएमआईएम के पैरों में गिरने वाले दल तेलंगाना का भला नहीं कर सकते.
शाह ने आरोप लगाया कि टीआरएस और कांग्रेस, दोनों ही अल्पसंख्यकों का 'तुष्टिकरण' करने में यकीन रखते हैं. एआईएमआईएम के अकबरुदुद्दीन ओवैसी ने कहा था कि इस दक्षिणी राज्य में कोई भी मुख्यमंत्री बने, उसे उनकी पार्टी के आगे झुकना पड़ेगा.
असदुद्दीन ओवैसी की ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन और टीआरएस पर निशाना साधते हुए शाह ने दावा किया कि ओवैसी भाइयों के डर के कारण राव सरकार ने 17 सितंबर को राज्य का मुक्ति दिवस नहीं मनाया. उन्होंने संकल्प लिया कि तेलंगाना में भाजपा के सत्ता में आने पर धूमधाम से हैदराबाद मुक्ति दिवस मनाया जाएगा. उन्होंने कहा, ''अकबरुद्दीन ने कहा कि तेलंगाना का जो भी मुख्यमंत्री बने, उसे मजलिस के चरणों में अपना सिर रखना चाहिए.''
#AmitShah in Narayanpet, Telangana: Due to fear of Owaisi, KCR government no longer celebrates Liberation Day on 17th September. If BJP forms the govt in the state, Hyderabad Liberation Day will be celebrated in a grand way pic.twitter.com/HpWFPXBDSv
— ANI (@ANI) December 2, 2018
बीजेपी अध्यक्ष ने कहा, ''तेलंगाना, अगर अगले साल मई में लोकसभा चुनाव के साथ विधानसभा चुनाव कराता तो यह कई सौ करोड़ रुपये की बचत करता. राव ने चुनाव खर्च के तौर पर राज्य पर करोड़ों रुपये का बोझ डाला है. इसके लिए कौन जिम्मेदार है? राव को मई में अपनी जीत का संशय था. उन्हें (प्रधानमंत्री नरेंद्र) मोदी की लहर का डर था.''
Amit Shah in Kamareddy,Telangana: Had #TelanganaElections been conducted along with Lok Sabha elections, money of the people of Telangana would've been saved. But they preponed it because they were scared that if elections are conducted along with Lok Sabha elections they'll lose pic.twitter.com/8naOZbH2Ql
— ANI (@ANI) December 2, 2018
उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने अपने चुनाव घोषणापत्र में मस्जिदों और गिरिजाघरों को 'नि:शुल्क' बिजली देने का वायदा किया है लेकिन मंदिरों के लिए वायदा नहीं किया. तेलंगाना में सात दिसंबर को चुनाव होना है. बीजेपी नेता ने आरोप लगाया कि अल्पसंख्यक तुष्टिकरण की राजनीति के तौर पर विपक्षी पार्टी ने तेलंगाना में सत्ता में आने पर अल्पसंख्यक छात्रों को 20 लाख रुपये की शैक्षिक सहायता देना का वायदा किया है.
#AmitShah in Narayanpet, Telangana: Congress in its manifesto promised free electricity to Masjids and Churches but not for Temples. Both TRS and Congress are engaged in minority appeasement pic.twitter.com/dChSXMobtX
— ANI (@ANI) December 2, 2018
शाह ने कहा, 'यहां त्रिपक्षीय लड़ाई होने जा रही है। एक तरफ टीआरएस और केसीआर हैं जिन्होंने एआईएमआईएम के सामने तेलंगाना के घुटने टेक दिए, दूसरी कांग्रेस है जिसने नवजोत सिंह सिद्धू को पाक सेना प्रमुख को गले लगाने के लिए भेजा और तीसरा पक्ष प्रधानमंत्री मोदी की अगुवाई में राष्ट्रवादियों का है.
BJP President Amit Shah in Narayanpet, Telangana: There is going to be a tripartite battle. On one side are TRS & Chandrashekhar Rao who made Telangana kneel before AIMIM, another is Congress who sent Sidhu to hug Pak army chief & on the third side are nationalists led by PM Modi pic.twitter.com/Xki18SKC8j
— ANI (@ANI) December 2, 2018
उन्होंने कहा कि केसीआर सरकार ने गरीबों के लिए 2 बेडरूम का घर उपलब्ध कराने का वादा पूरा नहीं किया और उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभों से भी वंचित कर दिया. हम धर्म के आधार पर आरक्षण के खिलाफ हैं. हालांकि, तेलंगाना मुख्यमंत्री ने अल्पसंख्यकों के लिए 12% आरक्षण का प्रस्ताव दिया है.
उन्होंने कहा, ''कांग्रेस ने (अपने चुनाव घोषणा पत्र) में सरकारी अनुबंधों में अल्पसंख्यकों को आरक्षण देने की भी बात की है. इसने अल्पसंख्यकों के लिए अलग अस्पतालों के बारे में भी बात की है. मैं (कांग्रेस अध्यक्ष) राहुल गांधी से पूछना चाहता हूं कि अल्पसंख्यक समुदाय से संबंध नहीं रखने वाले गरीब लोगों का क्या होगा?''
शाह ने दोहराया कि भगवा दल धर्म आधारित आरक्षण के पक्ष में नहीं है क्योंकि यह संविधान के खिलाफ है. उन्होंने कहा, ''तेलंगाना के मुख्यमंत्री ने मुसलमानों को 12 प्रतिशत आरक्षण देने का वायदा किया है. भाजपा और उसका काडर यह सुनिश्चित करेगा कि धर्म आधारित आरक्षण तेलंगाना में लागू नहीं हो.''