सांकेतिक तस्वीर
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उपभोक्ताओं को एक बड़ी राहत देते हुए, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के अधिकारियों के यूनियनों ने बैंकों के एकीकरण के विरोध में इस सप्ताह प्रस्तावित दो दिन की हड़ताल को टाल दिया है। वित्त सचिव राजीव कुमार की ओर से उनकी चिंताओं पर गौर करने के आश्वासन के बाद यूनियनों ने हड़ताल टालने का फैसला किया है।

बैंक अधिकारियों की चार यूनियनों ने सार्वजनिक क्षेत्र के 10 बैंकों का एकीकरण कर चार बैंक बनाने की घोषणा के खिलाफ 26 सितंबर से दो दिन की हड़ताल पर जाने की घोषणा की थी। बैंकों की हड़ताल की वजह से सितंबर महीने के आखिरी हफ्ते के चार दिन प्रभावित हो रहे थे। हड़ताल टलने से बैंक ग्राहकों ने राहत की सांस ली है।

अगर यह हड़ताल हो जाती तो 26 से 29 सितंबर तक सार्वजनिक क्षेत्रों के बैंकों में नकदी का लेनदेन नहीं होता। 28 और 29 सितंबर को बैंकों में चौथे शनिवार और रविवार की छुट्टी रहेगी। सोमवार को ही बैंक खुलेंगे, ऐसे में अगर 26 और 27 को हड़ताल हो जाती तो चार दिन तक लोगों को परेशानियां झेलनी पड़ती।

सोमवार को एक संयुक्त बयान में कहा गया है कि वित्त सचिव ने सभी चिंताओं को लेकर एक समिति के गठन के मुद्दे पर सकारात्मक रुख दिखाया है। यह समिति 10 बैंकों के प्रस्तावित एकीकरण से जुड़े मुद्दों पर गौर करेगी। इसमे सभी बैंकों की पहचान कायम रखने का मुद्दा भी है। बयान में कहा गया है कि इस बातचीत के बाद हड़ताल के आह्वान को वापस लेने की अपील की गई।

बयान में कहा गया है कि वित्त सचिव के साथ एक सकारात्मक और कार्य योग्य समाधान पर बातचीत के बाद 48 घंटे की हड़ताल को टाल दिया गया है। इससे अब 26 और 27 सितंबर को बैंकों का सामान्य कामकाज प्रभावित नहीं होगा।

इससे पहले इंडियन बैंक्स एसोसिएशन (आईबीए) ने एसबीआई को सूचित किया था कि ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कॉन्फेडरेशन (एआईबीओसी), ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स असोसिएशन (एआईबीओए), इंडियन नैशनल बैंक ऑफिसर्स कांग्रेस (आईएनबीओसी) और नेशनल ऑर्गेनाइजेशन ऑफ बैंक ऑफिसर्स (एनओबीओ) 26 और 27 सितंबर को बैंक कर्मचारियों की अखिल भारतीय हड़ताल का आह्वान किया है।

इसके अलावा बैंक यूनियनों की पांच दिन का सप्ताह करने और नकद लेनदेन के घंटों और विनियमित कार्य घंटों को कम करने की भी मांग की थी। यूनियनों ने सतर्कता से संबंधित मौजूदा प्रक्रियाओं में बाहरी एजेंसियों का हस्तक्षेप रोकने, सेवानिवृत्त कर्मचारियों से संबंधित मुद्दों को सुलझाने, पर्याप्त भर्तियां करने, एनपीएस को समाप्त करने और उपभोक्ताओं के लिए सेवा शुल्क कम करने और अच्छा प्रदर्शन नहीं करने के नाम पर अधिकारियों को परेशान नहीं करने की मांग की थी।

साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी पीटीआई द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है। यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है।