जैश-ए-मोहम्मद सरगना मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने और उसे प्रतिबंधित सूची में डालने को लेकर अमेरिका ने बुधवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में एक प्रस्ताव के मसौदे को बांटा। अमेरिका के इस कदम से चीन के साथ उसके टकराव की आशंका बढ़ गई है। चीन ने इससे पहले, इसी महीने मसूद अजहर को प्रतिबंधित करने के प्रस्ताव को यूएन सैंक्शंस कमिटी में अटका दिया था। इसी के बाद अमेरिका ने अजहर को ब्लैकलिस्ट करने के लिए सीधे सुरक्षा परिषद में प्रस्ताव लाने का फैसला किया है।
Reuters: The United States, Britain and France stepped up a push for the United Nations Security Council to blacklist the head (Masood Azhar) of Pakistan-based militant group Jaish-e-Mohammad (JeM) on Wednesday after China prevented an earlier move two weeks ago pic.twitter.com/UJckWUF458
— ANI (@ANI) March 28, 2019
अमेरिकी प्रस्ताव को फ्रांस और ब्रिटेन का समर्थन हासिल है, जिन्होंने इसी महीने अजहर के खिलाफ अल-कायदा और इस्लामिक स्टेट कमिटी में प्रतिबंध के प्रस्ताव पर अमेरिका का साथ दिया था।
जैश-ए-मोहम्मद ने 14 फरवरी को पुलवामा में सीआरपीएफ काफिले पर आत्मघाती हमले की जिम्मेदारी ली थी। हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हुए थे और इससे भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव काफी बढ़ गया था।
प्रस्ताव के मसौदे में पुलवामा आत्मघाती हमले की आलोचना की गई है और अजहर को अल-कायदा और इस्लामिक स्टेट जैसे आतंकी संगठनों की प्रतिबंधित सूची में डालने की मांग की गई है। अगर यूएन से प्रतिबंध लग जाता है तो जैश सरगना मसूद अजहर की विदेश यात्राओं पर रोक लग जाएगी। उसकी संपत्तियां जब्त की जा सकेंगी।
अभी यह साफ नहीं है कि ड्रॉफ्ट रिजॉलूशन पर वोटिंग कब होगी, लेकिन पिछली बार की तरह चीन इस बार भी इसके खिलाफ वीटो का इस्तेमाल कर सकता है। ब्रिटेन, अमेरिका, फ्रांस और रूस के साथ-साथ चीन सुरक्षा परिषद के 5 स्थायी सदस्यों में शामिल है, जिनके पास वीटो का अधिकार है।
मसूद अजहर को ब्लैकलिस्ट करने के लिए संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंध समिति में 4 बार प्रयास हो चुके हैं। चीन ने इनमें से 3 कोशिशों को ब्लॉक कर दिया और हालिया कोशिश पर तकनीकी आधार पर अड़ंगा लगा दिया है, जिस वजह से प्रस्ताव 9 महीने के लिए होल्ड पर है।
जैश-ए-मोहम्मद तो 2001 से ही संयुक्त राष्ट्र की प्रतिबंधित आतंकी संगठनों की सूची में शामिल है, लेकिन उसका सरगना मसूद अजहर वैश्विक आतंकियों की सूची में शामिल नहीं है। अमेरिकी प्रस्ताव के ड्रॉफ्ट में अजहर को आतंकवाद से जोड़ते हुए उस पर टेरर फंडिंग में शामिल होने, आतंकी हमलों की योजना बनाने, उसमें मदद करने, तैयारी करने का आरोप लगाया गया है।