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पंजाब के संगरूर जिले में मंगलवार (11 जून) की सुबह 150 फीट गहरे बोरवेल में गिरे तीन वर्षीय मासूम को करीब 109 घंटे बाद बाहर तो निकाला गया लेकिन बचाए जाने के कुछ ही देर बाद उसे मृत घोषित कर दिया गया।

राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और पुलिस के अधिकारियों ने संयुक्त रूप से फतेहवीर सिंह नाम के इस मासूम को आज सुबह 5.12 बजे बचाया था फतेहवीर सिंह अपने माता-पिता की एकलौती संतान था। वह अपने पिता सुखमिंदर सिंह और मां के साथ सुनाम शेरोन रेड पर स्थित गांव भगवानपुरा में रहता था। उसके पिता ने खेतों में बोरवेल कराया था। गुरुवार की शाम चार बजे वह खेलते-खेलते इसी 150 फीट गहरे बोलवेल में जा गिरा।

फतेह के बोरवेल में गिरने के बाद हड़कंप मच गया। बात फैलती गई और सभी राहत कार्य में लग गए। एनडीआरएफ की टीम पहुंची और उसने भी रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया।

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने ट्वीट कर फतेहवीर की मौत पर दुख जताया। उन्होंने लिखा, 'नन्हे फतेहवीर की मौत से बेहद दुखी हूं। मैं वाहेगुरु से प्रार्थना करूंगा कि पीड़ित परिवार को इस त्रासदी से उबरने के लिए शक्ति दे। मैंने सभी जिला कलेक्टरों से खुले बोरवेल को लेकर रिपोर्ट मांगी है ताकि भविष्य में इस तरह के हादसों को रोका जा सके।'

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सोमवार को फतेहवीर का जन्मदिन भी था और उसके लिए नई जिंदगी की दुआ मांगी जा रही थी। फतेह को बचाने के लिए नैशनल डिजास्टर रेस्पॉन्स फोर्स (एनडीआरएफ) बोरवेल के बराबर एक सुरंग बनाकर बच्चे तक पहुंचने में कामयाब हो सके। रविवार को इस रेस्क्यू ऑपरेशन में तकनीकी अड़चनें आई थीं, क्योंकि यह दरअसल बोरवेल मात्र नौ इंच चौड़ा है।

बच्चे को खाना-पीना नहीं दिया जा सका था, उसे सिर्फ ऑक्सिजन की सप्लाई की जा रही थी। बचाव अभियान में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की एक टीम, पुलिस, नागरिक प्रशासन, ग्रामीण और स्वयं सेवी लोग शामिल रहे।