व्हाट्सएप पर पत्रकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं की जासूसी के खुलासे के बाद जहां मुख्य विपक्षी कांग्रेस ने सरकार पर हमला बोला है वहीं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने व्हाट्सएप से इस मुद्दे पर जवाब मांगा है। सरकार ने व्हाट्सएप से इजरायली स्पाइवेयर के मामले में 4 नवंबर तक जवाब देने को कहा है। इस मुद्दे पर मुख्य विपक्षी कांग्रेस ने हमलावर रुख अपनाते हुए कहा है कि मोदी सरकार देश का नेतृत्व करने का नैतिक अधिकार खो चुकी है।
सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) मंत्रालय ने इजराइली स्पाईवेयर (जासूसी साफ्टवेयर) के मुद्दे पर व्हॉट्सएप से जवाब मांगा है। व्हॉट्सएप से अपना जवाब चार नवंबर तक देने को कहा गया है।
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने गुरुवार को कहा कि भारतीय सरकार व्हाट्सएप के जरिए नागरिकों की निजता के उल्लंघन को लेकर चिंतित है। हमने इसको लेकर व्हाट्सएप से जवाब मांगा है कि वे किस तरह की सुरक्षा देते हैं। भारत सरकार नागरिकों की निजता की रक्षा के लिए समर्पित है।
Government of India is concerned at the breach of privacy of citizens of India on the messaging platform Whatsapp. We have asked Whatsapp to explain the kind of breach and what it is doing to safeguard the privacy of millions of Indian citizens. 1/4 pic.twitter.com/YI9Fg1fWro
— Ravi Shankar Prasad (@rsprasad) 31 October 2019
फेसबुक की स्वामित्व वाली कंपनी व्हाट्सएप ने गुरुवार को खुलासा किया कि एक इजरायली स्पाइवेयर के जरिए दुनिया भर में कई व्हाट्सएप यूजर्स की जासूसी की गई। कुछ भारतीय पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता भी इस जासूसी का शिकार बने हैं। हालांकि, व्हाट्सएप ने यह नहीं बताया कि कितने भारतीयों की जासूसी की गई। व्हाट्सएप ने कहा कि इजरायली स्पाइवेयर 'पेगासस' के जरिए हैकरों ने जासूसी के लिए करीब 1400 लोगों के फोन हैक किए हैं।
चार महाद्वीपों के व्हाट्सएप यूजर्स इस जासूसी का शिकार बने हैं। इनमें राजनयिक, राजनीतिक विरोधी, पत्रकार और वरिष्ठ सरकारी अधिकारी शामिल हैं। हालांकि, व्हाट्सएप ने यह खुलासा नहीं किया है कि किसके कहने पर पत्रकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं के फोन हैक किए गए हैं।
इजरायल के स्पाइवेयर 'पेगासस' के जरिए हैकिंग को अंजाम दिया गया। व्हाट्सएप के मुताबिक, इस स्पाइवेयर को इजरायल की सर्विलांस फर्म NSO ने तैयार किया था। इसके लिए व्हाट्सएप NSO ग्रुप के खिलाफ मुकदमा करने जा रही है। कंपनी ने कहा कि मई में उसे एक ऐसे साइबर हमले का पता चला जिसमें उसकी विडियो कॉलिंग प्रणाली के जरिए यूजर्स को मालवेयर भेजा गया। व्हाट्सएप ने कहा कि उसने करीब 1,400 यूजर्स को स्पेशल व्हाट्सएप मेसेज के जरिए इसकी जानकारी दी है।
भारतीय पत्रकारों एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं की जासूसी से जुड़े खुलासे के बाद कांग्रेस ने गुरुवार को नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा और सुप्रीम कोर्ट से मामले में दखल की मांग की।
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने अपने ट्वीट में सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया कि वह इस मामले पर तत्काल स्वत: संज्ञान ले और सरकार की जवाबदेही तय करे। सुरजेवाला ने दावा किया कि 'अपने ही नागरिकों के साथ अपराधियों की तरह व्यवहार करने वाली यह सरकार' इस देश का नेतृत्व करने का नैतिक अधिकार खो चुकी है।
Modi Govt caught snooping!
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) 31 October 2019
Appalling but not Surprising!
After all, BJP Govt-
1. Fought against our right to privacy.
2. Set up a multi crore Surveillance Structure until stopped by SC.
S.C must take immediate cognisance & issue notice to BJP Govt.
1/2https://t.co/VFVlEA187E
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, 'मोदी सरकार बनने के बाद से डेटा चोरी और डेटा से जुड़ी जालसाजी आम बात हो गई है। क्या यही वजह है कि मोदीजी डेटा को नया तेल (बीजेपी मशीन के लिए) कहते हैं?'
Data theft & data fraud has become the norm since Modi Sarkar came to power.
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) 31 October 2019
Is this why Modiji calls Data the new Oil (for BJP Machine?)
1.3 million Indian Payment Card Details are up for sale on Dark Web putting the card holders vulnerable to yet another synchronised fraud. pic.twitter.com/XlN3dLfBPv
उन्होंने कहा, '13 लाख भारतीय पेमेंट कार्ड के विवरण 'डार्क वेब' पर बिक्री के लिए उपलब्ध हैं जिससे कार्ड धारकों के एक और जालसाजी का निशाना बनने का खतरा है।'
साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी पीटीआई द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है. यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है.