दो वर्षीय संकेत देखने में ऐसा नहीं लगता ही लेकिन उसके जन्म प्रमाण पत्र के अनुसार उसकी उम्र 102 साल है जबकि 4 साल का शुभ 104 वर्ष का है.
हाल ही में बरेली की एक अदालत ने कथित रूप से रिश्वत नहीं देने पर चार साल के बच्चे और उसके छोटे भाई के जन्म प्रमाणपत्रों में उनकी उम्र 100 साल बढ़ाकर लिखने के आरोपी ग्राम विकास अधिकारी और ग्राम प्रधान के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिये हैं.
वादी पक्ष के अधिवक्ता राजीव सक्सेना ने मंगलवार को बताया कि शाहजहांपुर के बेला गांव के पवन कुमार ने करीब दो माह पहले अपने भतीजे शुभ (चार वर्ष) और संकेत (दो वर्ष) का जन्म प्रमाण पत्र बनवाने के लिए ऑनलाइन आवेदन किया था.
ग्राम विकास अधिकारी (वीडीओ) सुशील चंद्र अग्निहोत्री और ग्राम प्रधान प्रवीण मिश्र ने आवेदक से प्रति जन्म प्रमाण पत्र 500 रुपये रिश्वत मांगी. पवन ने इनकार किया तो दोनों ने मिलकर गड़बड़ी की. सक्सेना ने बताया कि दोनों बच्चों का जन्म प्रमाण पत्र तो बना लेकिन शुभ की जन्मतिथि 13 जून 2016 के स्थान पर 13 जून 1916 लिख दी गयी. वहीं, संकेत की जन्म तिथि 6 जनवरी 2018 की जगह 6 जनवरी 1918 दर्ज करके प्रमाण-पत्र जारी कर दिए.
अधिवक्ता ने बताया कि जिला प्रशासन से कोई सुनवाई न होने पर पीड़ित परिवार ने उनके माध्यम से बरेली की विशेष अदालत में अर्जी दी थी. खुटार क्षेत्र इसी अदालत के कार्यक्षेत्र में आता है. विशेष न्यायाधीश (भ्रष्टाचार निवारण)—द्वितीय मुहम्मद अहमद खां ने मामले की सुनवाई के बाद गत 17 जनवरी को शाहजहांपुर के खुटार थाना पुलिस को आरोपित वीडीओ और ग्राम प्रधान पर मुकदमा दर्ज करके मामले की तफ्तीश किए जाने के आदेश दिये.
खुटार थाना प्रभारी तेजपाल सिंह ने बताया कि मुकदमा दर्ज करने के आदेश की प्रति उन्हें मंगलवार को प्राप्त हो गयी है और इसका अनुपालन सुनिश्चित कराया जाएगा.
साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी पीटीआई द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है. यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है.