भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच सिडनी में खेले जा रहे चौथे और अंतिम टेस्ट मैच के पहले दिन भले ही चेतेश्वर पुजारा के नाबाद 130 रनों की पारी ने सारी सुर्खियां बटोर ली हों, और ऐसा होना भी चाहिए लेकिन टीम के नए सलामी बल्लेबाज मयंक अग्रवाल की 77 रनों की पारी को भी भुलाया नहीं जा सकता.
भारतीय क्रिकेट टीम के सलामी बल्लेबाज मयंक अग्रवाल ने कहा है कि टीम के भरोसेमंद बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा का संयम ही उनकी सबसे बड़ी ताकत है. भारतीय टीम ने पुजारा के नाबाद 130 रनों की पारी के दम पर ऑस्ट्रेलिया के साथ खेले जा रहे चौथे और अंतिम टेस्ट मैच के पहले दिन पहली पारी में चार विकेट के नुकसान पर 303 रनों का मजबूत स्कोर बना लिया है.
मयंक ने पहले दिन का खेल समाप्त होने के बाद कहा कि उन्हें पुजारा को) दूसरे छोर से बल्लेबाजी करते और गेंदबाजों को परेशानी में डालते हुए देखना अच्छा लगता है. वह अपने मजबूत पक्षों को समझते हैं. मेरा मानना है कि संयम उनकी सबसे बड़ी ताकत है और वह इसी के साथ बल्लेबाजी करते हैं.
मयंक ने अपने दूसरे टेस्ट मैच की इस पारी में 77 रन बनाए. हालांकि वह एक बार फिर शतक बनाने से चूक गए. उन्होंने पुजारा के साथ मिलकर दूसरे विकेट के लिए 116 रन की साझेदारी की. मयंक ने शतक से चूकने पर निराशा जाहिर करते हुए कहा कि बड़ा स्कोर नहीं बनाने से निराश हूं लेकिन मुझे लगता है कि मेरे लिए यह सीखने का समय है. अगर मैं फिर से यह गलती नहीं करता हूं तो इसका मतलब होगा कि मैंने अच्छी सीख ली. मैं नाथन लायन पर दबदबा बनाना चाहता था लेकिन ऐसा नहीं हो पाया.
27 वर्षीय मयंक ने मेलबर्न में खेले गए पिछले टेस्ट से ही अपने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करियर का पदार्पण किया है. उन्होंने मेलबर्न में 76 और 42 रन बनाए थे. मयंक ने कहा कि मैंने हाल में न्यूजीलैंड ए टीम (न्यूजीलैंड में) के खिलाफ इस तरह की शॉर्ट पिच गेंदों का सामना किया था. उन्होंने भी हमारे लिए मुश्किलें पैदा की थीं लेकिन ईमानदारी से कहूं तो ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाजों ने हमारी कड़ी परीक्षा ली. उन्होंने लगातार तेज बाउंसर भी डाले.
उन्होंने कहा कि हम अच्छी साझेदारियां निभाने की रणनीति के साथ उतरे थे और हमने ऐसा ही किया. हमने एक-दूसरे से कहा कि शरीर के पास खेलने का प्रयास करो और विकेट नहीं गंवाना है, भले ही हम तेजी से रन नहीं बना पाएं.