सुप्रीम कोर्ट के सबसे वरिष्ठ जज जस्टिस रंजन गोगोई ने देश के मुख्य न्यायाधीश का पदभार संभाला. उन्हें राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पद की शपथ दिलाई. इसके बाद वो सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस के एम जोसेफ के साथ केसों की सुनवाई करेंगे. जस्टिस गोगोई इस पद पर पहुंचने वाले पूर्वोत्तर भारत के पहले मुख्य न्यायधीश हैं. जस्टिस गोगोई देश के 46वें प्रधान न्यायाधीश हैं और 17 नंवबर 2019 तक उनका कार्यकाल होगा. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने सीजेआई पद की शपथ लेने के बाद मां के पैर छुकर उनका आर्शीवाद लिया.
Delhi: Justice Ranjan Gogoi takes oath as the Chief Justice of India (CJI) at Rashtrapati Bhavan. pic.twitter.com/g8d6HsSzgL
— ANI (@ANI) October 3, 2018
सुप्रीम कोर्ट के जज के तौर पर पिछले 6 साल में कई महत्वपूर्ण फैसले दे चुके जस्टिस गोगोई के समक्ष देश के मुख्य न्यायाधीश के तौर पर अब कई संवेदनशील और विवादास्पद मामलों को निपटाने की चुनौती है, जिनमें अयोध्या विवाद और असम में राष्ट्रीय नागरिक पंजीयन (NRC) का मुद्दा अहम है। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस के तौर पर जस्टिस गोगोई का कार्यकाल करीब 13 महीने का होगा। वह 17 नंवबर, 2019 तक इस पद पर रहेंगे।
जस्टिस गोगोई पूर्वोत्तर भारत से सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस बनने वाले पहले न्यायमूर्ति हैं। उन्होंने ऐसे समय में यह जिम्मेदारी संभाली है, जबकि असम में एनआरसी का मुद्दा सुर्खियों में है। करीब 40 लाख लोगों के नाम एनआरसी ड्राफ्ट में नहीं हैं और ऐसे में इनके सिर पर देश से बाहर भेजे जाने का खतरा मंडरा रहा है। फिलहाल यह मामला शीर्ष अदालत में है।
वकीलों और राजनीतिज्ञों के संपन्न परिवार में जन्मे CJI असम के रहने वाले हैं. उनके पिता केशब चंद्र गोगोई एक वकील थे, जो बाद में राज्य की विधानसभा के सदस्य बने और बाद में असम के मुख्यमंत्री भी रहे.
जस्टिस गोगोई के सीजेआई बनने को लेकर पहले संशय की स्थिति थी. मौजूदा सीजेआई दीपक मिश्रा के बाद जस्टिस रंजन गोगोई सुप्रीम कोर्ट के सबसे सीनियर जज हैं. ऐसे में न्यायिक परंपरा के मुताबिक, जस्टिस गोगोई को ही अगला CJI होना था. लेकिन, बीते जनवरी में सीजेआई दीपक मिश्रा के खिलाफ चार सीनियर जजों के प्रेस कॉन्फ्रेंस करने के बाद जस्टिस गोगोई की दावेदारी को लेकर सवालिया निशान लग रहे थे. हालांकि, रिटायर होते वक्त जस्टिस चेलामेश्वर ने कहा था कि उम्मीद है कि सीजेआई दीपक मिश्रा निजी मामलों के दरकिनार रखते हुए न्यायिक परंपरा का पालन करेंगे.