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न्यायमूर्ति एसए बोबडे ने सोमवार 18 नवंबर को भारत के 47 वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली। 63 वर्षीय न्यायमूर्ति बोबडे ने पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई का स्थान लिया। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उन्हें चीफ जस्टिस पद की शपथ दिलाई।

न्यायमूर्ति बोबडे लगभग 18 महीनों के लिए अपने पद पर बने रहेंगे और वह 23 अप्रैल, 2021 को सेवानिवृत्त होंगे।

न्यायमूर्ति बोबडे महाराष्ट्र के वकील परिवार से आते हैं और उनके पिता अरविंद श्रीनिवास बोबडे भी मशहूर वकील थे। वरिष्ठता क्रम की नीति के तहत निवर्तमान प्रधान न्यायाधीश गोगोई ने उनका नाम केंद्र सरकार को अपने उत्तराधिकारी के तौर पर भेजा था।

न्यायमूर्ति बोबडे को सीजेआई पद पर नियुक्त करने के आदेश पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने दस्तखत किए जिसके बाद विधि मंत्रालय ने उन्हें भारतीय न्यायपालिका के शीर्ष पद पर नियुक्त करने की अधिसूचना जारी की।

न्यायमूर्ति बोबडे का जन्म 24 अप्रैल 1956 में महाराष्ट्र के नागपुर में हुआ। उन्होंने नागपुर विश्वविद्यालय से कला एवं कानून में स्नातक की उपाधि हासिल की। वर्ष 1978 में महाराष्ट्र बार परिषद में उन्होंने बतौर अधिवक्ता अपना पंजीकरण कराया। बंबई उच्च न्यायालय की नागपुर पीठ में 21 साल तक अपनी सेवाएं देने वाले न्यायमूर्ति बोबडे वर्ष 1998 में वह वरिष्ठ अधिवक्ता बने।

न्यायमूर्ति बोबडे ने 29 मार्च 2000 में बंबई उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में शपथ ली। 16 अक्टूबर 2012 को वह मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश बने। 12 अप्रैल 2013 को उनकी पदोन्नति उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में हुई।