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Reuters

भारत के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने सोमवार 16 सितंबर को कहा कि अगर कश्मीर के हालात उतने ही गंभीर हैं जितना कि लोग दावा कर रहे रहे हैं तो वह हालात का जायजा लेने खुद श्रीनगर जाएंगे।

इससे पहले वरिष्ठ वकील हुसेफा अहमदी ने अदालत में दावा किया कि कथित तालाबंदी की मौजूदा स्थिति में उच्च न्यायालय तक पहुंचने में अत्यधिक कठिनाइयां हैं जिसपर गोगोई ने कहा, "अगर जरूरत पड़ी, तो मैं स्वयं जाऊंगा और व्यक्तिगत रूप से जांच करूंगा, मैं आज ही मुख्य न्यायाधीश से बात करूंगा।"

दरअसल, बाल अधिकार कार्यकर्ता इनाक्षी गांगुली ने जम्मू-कश्मीर की जेलों में बंद 18 साल से कम उम्र के बच्चों की गिरफ्तारी का मुद्दा उठाया। उन्होंने संबंधित उन केसों की जानकारी मांगी जिन्हें हाई कोर्ट कमेटी देख रही है।

मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि इसके लिए जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय में अपील करें। इस पर इनाक्षी की ओर से वरिष्ठ वकील हुसेफा अहमदी ने कहा, 'ऐसा करना बेहद मुश्किल है। उच्च न्यायालय आम आदमी की पहुंच से दूर है।'

याचिकाकर्ता के वकील की इस टिप्पणी पर मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि अगर लोग उच्च न्यायालय में अपनी अपील नहीं कर पा रहे हैं तो यह बेहद गंभीर है। चीफ जस्टिस ने इस पर जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस से रिपोर्ट भी मांगी। इसमें उन्होंने पूछा कि उच्च न्यायालय अपीलकर्ताओं की पहुंच में है या नहीं?

मुख्य न्यायाधीश ने आगे कहा, 'यह बेहद गंभीर मामला है। मैं खुद निजी तौर पर फोन पर उच्च न्यायालय के चीफ जस्टिस से बात करूंगा। जरूरत पड़ी तो प्रदेश का दौरा भी करूंगा।'

हालांकि, सीजेआई ने याचिकाकर्ता को चेतावनी भी दी और कहा कि अगर आपका दावा गलत निकला तो इसका परिणाम भी आपको भुगतना होगा।

आपको बता दें कि आज जम्मू-कश्मीर के हालात को लेकर दाखिल अलग-अलग याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस एसए बोबडे और जस्टिस अब्दुल नजीर की पीठ ने केंद्र सरकार को दो हफ्ते में कश्मीर की पूरी तस्वीर सामने रखने का निर्देश दिया है।

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और जम्मू-कश्मीर प्रशासन को निर्देश दिया कि राज्य में जल्द से जल्द सामान्य हालात बनाए जाएं। कोर्ट ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए स्थिति सामान्य की जाए और स्कूलों व अस्पतालों को फिर से शुरू किया जाए। इस मामले की अगली सुनवाई अब 30 सितंबर को होगी।

सुनवाई के दौरान सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे सॉलिसिटर जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में सभी अदालतें काम कर रही हैं, जिसमें लोक अदालत भी शामिल हैं। शीर्ष अदालत ने केंद्र से जल्द से जल्द कश्मीर घाटी में सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए सभी प्रयास करने को कहा।

बता दें कि मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति एस ए बोबड़े और एस ए नाज़र की पीठ जम्मू-कश्मीर में प्रतिबंधों की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। इस दौरान जस्टिस बोबड़े ने कहा कि "हम जानना चाहते हैं कि शट डाउन क्या है या क्यों है? क्या कोई खराबी है और किसने की और किस कारण से किया है?।