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जम्मू बस स्टैंड पर गुरुवार को हुए एक ग्रेनेड विस्फोट में एक व्यक्ति की मौत हो गई जबकि कम से कम 33 व्यक्ति घायल हो गए। यह मई 2018 के बाद से इस बस स्टैंड पर तीसरा ग्रेनेड हमला है। जम्मू और कश्मीर पुलिस का दावा है कि उन्होंने इस घटना के प्रमुख संदिग्ध को गिरफ्तार कर लिया है।

बस स्टैंड को शहर के सबसे भीड़भाड़ वाले स्थानों में से एक माना जाता है। विस्फोट में आसपास खड़े कुछ वाहनों को भी नुकसान पहुंचा है।

जम्मू के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) एम के सिन्हा ने बताया कि प्रारंभिक जांच से लगता है कि किसी ने दोपहर के वक्त बस स्टैंड इलाके में हथगोला फेंका, जिसके चलते विस्फोट हुआ।

जम्मू के आईजी मनीष सिन्हा ने बताया कि यह ग्रेनेड से किया गया हमला था। घटनास्थल पर मौजूद लोगों के अनुसार एक संदिग्ध हमलावर ने ग्रेनेड से हमला किया और मौके से फरार हो गया। IG का कहना है कि हमले का मकसद सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ना था। इस विस्फोट में 17 साल के मोहम्मद शारिक की मौत हो गई।

पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि विस्फोट में बस स्टैंड पर खड़ी सरकारी बस को बहुत ज्यादा नुकसान हुआ। आईजी ने कहा, 'जब भी चौकसी ज्यादा होती है, हम जांच-पड़ताल सख्त कर देते हैं लेकिन किसी-किसी के उससे बच निकलने की आशंका रहती है और यह ऐसा ही मामला लग रहा है।' उन्होंने लोगों से शांति बनाए रखने का आग्रह करते हुए कहा, 'निश्चित तौर पर मंशा सांप्रदायिक शांति एवं सौहार्द बिगाड़ने की थी।'

पुलिस की गिरफ्त में ग्रेनेड हमले का आरोपी
पुलिस की गिरफ्त में ग्रेनेड हमले का आरोपीANI

रिपोर्ट के मुताबिक धमाके में चाइनीज ग्रेनेड का इस्तेमाल किया गया है। बताया जा रहा है कि पहले भी यह इलाका आतंकियों के निशाने पर रहा है। टाइम्स नाउ के मुताबिक शुरुआती जांच में सामने आ रहा है कि इस धमाके का मकसद सांप्रदायिक तनाव पैदा करना था। ऐसे में प्रशासन की ओर से आगाह किया गया है कि अफवाहों पर ध्यान न दें। प्रशासन ने जम्मू-कश्मीर की जनता से शांति बनाए रखने की अपील की है। ग्रेनेड धमाका इतना जबर्दस्त था कि आसपास की कई बसों को भी नुकसान पहुंचा है।

पिछले साल 29 दिसंबर को भी आतंकियों ने बस स्टैंड को निशाना बनाया था। उस समय आतंकी बस स्टैंड पर ग्रेनेड फेंककर भाग गए थे। तब कोई नुकसान नहीं हुआ था। हालांकि बड़ा सवाल यह है कि बस स्टेशन के पास ही पुलिस स्टेशन भी है फिर भी आतंकी अपने मंसूबे में कामयाब हो गए।

गौरतलब है कि यह घटना पुलवामा में हुए आत्मघाती विस्फोट के कुछ ही हफ्तों हुई है जिसमें सीआरपीएफ के 40 जवानों की मौत हो गई थी। पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने उस हमले की जिम्मेदारी ली थी।

इस हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर था। स्थिति और खराब तब हो गई जब भारतीय वायुसेना के पायलट अभिनंदन वर्थमान को पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने पकड़ लिया था।