कश्मीर में अभूतपूर्व सुरक्षा और हलचल के बीच मुख्यधारा के कई बड़े नेताओं को नजरबंद कर दिया गया है। पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला को आधी रात उनके घर में नजरबंद किया गया है। साथ ही जम्मू-कश्मीर में मोबाइल इंटरनेट सेवाओं को आंशिक रूप से बंद कर दिया गया है। इसके अलावा श्रीनगर में सोमवार आधी रात से धारा 144 लागू कर दी गई है, जो अगले आदेश तक जारी रहेगी। इसके अलावा राज्य के सरकारी और प्राइवेट स्कूलों को एहतियातन बंद रखने की अडवाइजरी जारी की गई है।
पीपल्स कॉन्फ्रेंस नेता सज्जाद लोन को लेकर भी यही सूचना है। उधर, कांग्रेस नेता उस्मान माजिद और सीपीएम नेता एमवाई तारिगामी ने भी दावा किया कि उन्हें देर रात गिरफ्तार कर लिया गया है। हालांकि, गिरफ्तारियों के संबंध में अभी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है।
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्रियों उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती को घर से बाहर निकलने की अनुमति नहीं है। महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला ने देर रात ट्वीट करके बताया कि उन्हें नजरबंद कर दिया गया है। महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट कर कहा, 'कैसी विडंबना है कि हमारे जैसे शांति के लिए लड़ने वाले जनप्रतिनिधियों को हाउस अरेस्ट कर लिया गया है। दुनिया देख रही है कि जम्मू-कश्मीर में कैसे लोगों की आवाज को दबाया जा रहा है।'
इस बीच नैशनल कॉन्फ्रेंस के नेता अब्दुल्ला ने ट्वीट किया, 'मुझे लगता है कि मुझे आज आधी रात से घर में नजरबंद किया जा रहा है और मुख्यधारा के अन्य नेताओं के लिए भी यह प्रक्रिया पहले ही शुरू हो गई है।' उन्होंने कहा कि इसकी सच्चाई जानने का कोई तरीका नहीं है लेकिन अगर यह सच है तो फिर आगे देखा जाएगा।
अब्दुल्ला ने एक अन्य ट्वीट में कहा, 'कश्मीर के लोगों के लिए हमें नहीं मालूम कि क्या चल रहा है लेकिन मुझे पूरा भरोसा है कि अल्लाह ने जो भी सोचा है वह हमेशा बेहतर होगा। हमें यह शायद अभी नजर न आए लेकिन हमें कभी उनके तरीकों पर शक नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हर किसी को शुभकमानाएं, सुरक्षित रहे और सबसे जरूरी कृपया शांति बनाए रखें। वहीं, अधिकारियों ने कश्मीर घाटी में मोबाइल इंटरनेट कनेक्शन अस्थायी रूप से रोक दिए हैं।
अधिकारियों के मुताबिक, पुलिस अधिकारियों और जिला मैजिस्ट्रटों को सैटेलाइट फोन दिए गए हैं। इन घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए महबूबा ने ट्वीट किया, 'मोबाइल फोन कनेक्शन समेत जल्द ही इंटरनेट बंद किए जाने की खबरें सुनीं। कर्फ्यू का आदेश भी जारी किया जा रहा है। अल्लाह जानता है कि हमारे लिए कल क्या इंतजार कर रहा है। यह रात लंबी होने वाली है।' उन्होंने कहा कि इतने मुश्किल वक्त में, मैं अपने लोगों को आश्वस्त करना चाहती हूं कि जो भी हो हम एकजुट हैं और हम एक साथ लड़ेंगे। जिस पर हमारा अधिकार है उसके लिए लड़ने के हमारे संकल्प को कोई भी चीज नहीं डिगा सकती।
जम्मू कश्मीर प्रशासन द्वारा जारी सूचना के मुताबिक, इस आदेश के जारी होने के बाद से किसी भी तरह की पब्लिक मीटिंग और रैलियां प्रतिबंधित रहेंगी। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि घाटी में कहीं भी कर्फ्यू नहीं लगाया गया है। बता दें कि मीडिया के एक हिस्से में घाटी के कुछ इलाकों में कर्फ्यू की खबर प्रसारित की गई थी, जिसका राज्य प्रशासन ने खंडन किया है। इसके अलावा जम्मू जिला प्रशासन ने सभी स्कूलों और कॉलेजों के प्रशासनों से उन्हें सोमवार को ऐहतियातन बंद रखने के लिए कहा है।
गौरतलब है कि कश्मीर में रविवार को भी तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है। अधिकारियों ने आतंकवादी खतरे और पाकिस्तान के साथ नियंत्रण रेखा पर शत्रुता बढ़ने के बीच अहम प्रतिष्ठानों और संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा बढ़ा दी है। जम्मू-कश्मीर प्रशासन द्वारा शुक्रवार को अमरनाथ यात्रा बीच में ही समाप्त करने और तीर्थयात्रियों एवं पर्यटकों से यथाशीघ्र घाटी छोड़ने के लिए कहे जाने के बाद परेशान स्थानीय लोग घरों में जरूरी सामानों का स्टॉक करने के लिए दुकानों और ईंधन स्टेशनों पर बड़ी-बड़ी कतारों में खड़े नजर आए।
साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी पीटीआई द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है। यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है।