जाकिर मूसा [सांकेतिक तस्वीर]
जाकिर मूसा [सांकेतिक तस्वीर]Twitter

जम्मू-कश्मीर के त्राल में सुरक्षाबलों को मुठभेड़ के दौरान बड़ी कामयाबी मिली है. शनिवार सुबह शुरू हुई एक मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने छह आतंकियों को ढेर कर दिया गया है. इलाके में अभी सर्च ऑपरेशन जारी है.

अवंतीपोरा में आतंकियों के छिपे होने के इनपुट मिलने के बाद सुरक्षाबलों ने पूरा इलाका खाली कराया और ऐक्शन शुरू किया. मुठभेड़ में कुख्यात आतंकी जाकिर मूसा के संगठन से जुड़े डेप्युटी चीफ सोलिहा को भी ढेर कर दिया गया.

आतंकियों की मौजूदगी के बारे में जानकारी मिलने के बाद सेना की 44 राष्ट्रीय राइफल्स, सीआरपीएफ की 180वीं बटैलियन और जम्मू-कश्मीर पुलिस के एसओजी की ओर से अवंतीपोरा के आरामपोरा में जॉइंट ऑपरेशन चलाया गया. जैसे ही सुरक्षाबलों की जॉइंट टीम संदिग्ध स्थल पर पहुंची, वहां छिपे आतंकियों ने फायरिंग शुरू कर दी. इस दौरान सुरक्षाबलों की जवाबी कार्रवाई में छह आतंकी मार गिराए गए.

एनकाउंटर में कुख्यात आतंकी जाकिर मूसा के करीबी के मारे जाने की भी सूचना है. बताया जा रहा है कि मुठभेड़ में जाकिर मूसा के संगठन के डेप्युटी चीफ सोलिहा उर्फ रेहान खान को भी मार गिराने में सफलता मिली है. मूसा जम्मू-कश्मीर में सक्रिय अल-कायदा की नई शाखा अंसार गजवत-उल-हिंद का प्रमुख है.

कश्मीर के आईजी एसपी पानी ने पुलवामा मुठभेड़ के बारे में जानकारी देते हुए कहा, 'सुरक्षाबलों के ऑपरेशन में छह आतंकी मारे गए. इस दौरान सुरक्षाबलों को कोई नुकसान नहीं पहुंचा. कार्रवाई के दौरान सहयोग करने के लिए हम नागरिकों को धन्यवाद देते हैं. यह एक क्लीन ऑपरेशन था.'

बताया जा रहा है कि मारे गए सभी आतंकियों का संबंध अंसार गजवत-उल-हिंद से है. मौके से पांच आतंकियों के शव बरामद किए जा चुके हैं.

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक मुठभेड़ स्थल से भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद हुआ है. इससे पहले पिछले हफ्ते भी पुलवामा जिले में एक मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने तीन आतंकियों को मार गिराया था. इस मुठभेड़ में मारे गए आतंकियों में मोस्ट वॉन्टेड जहूर अहमद ठोकर भी था, जो पिछले वर्ष जुलाई में सेना के कैंप से फरार होकर आतंकी संगठन में शामिल हो गया था.

स्थानीय निवासी ठोकर के मुठभेड़ में घिरे होने की जानकारी मिलने के कारण ही वहां के लोग उग्र हो गए थे और सेना पर पथराव शुरू कर दिया था. इसके बाद सुरक्षाबलों को हालात पर काबू करने के लिए उन पर फायरिंग करनी पड़ी थी. इस दौरान गोली लगने से सात नागरिक भी मारे गए. वहीं सेना का एक जवान भी एनकाउंटर के दौरान शहीद हो गया था.