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जम्मू-कश्मीर में आतंकियों ने एक बार फिर सुरक्षाबलों को निशाना बनाया है. पुलवामा में अवंतीपोरा के गोरीपोरा इलाके में सुरक्षाबलों के काफिले पर जैश-ए-मोहम्मद आतंकी संगठन ने आत्मघाती हमला किया. इस धमाके में 44 जवान शहीद हो गए और 45 जवान घायल हैं, इनमें 18 जवानों की हालत गंभीर बनी हुई है. घाटी में काफी लंबे समय के बाद आतंकियों ने आत्मघाती हमले के जरिए सुरक्षाबलों पर बड़े हमले को अंजाम दिया है.

मौके से मिल रही जानकारी के मुताबिक सड़क पर एक चार पहिया वाहन में IED लगाया गया था. कार हाईवे पर खड़ी थी. जैसे ही सुरक्षाबलों का काफिला कार के पास से गुजरा, उसमें ब्लास्ट हो गया. इस दौरान काफिले पर फायरिंग की भी खबर है. सबसे अधिक संभावना है कि यह एक रिमोट कंट्रोल्ड व्हीकल आईईडी था.

जानकारी के मुताबिक, करीब एक हफ्ते पहले खुफिया एजेंसी ने संसद भवन पर हमले के दोषी अफजल गुरु और जेकेएलएफ के संस्थापक मोहम्मद मकबूल भट्ट की फांसी की बरसी (9 फरवरी) को लेकर अलर्ट जारी किया था. इसमें साफ कहा गया था कि आतंकियों ने हमले का प्लान बनाया है. खुफिया एजेंसियों ने कहा था कि आतंकी जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों के काफिले और उनके आने जाने के रास्ते पर IED से हमला कर सकते हैं.

आतंकवादी संगठन जैश-ए-मुहम्मद ने हमले की जिम्मेदारी ली है. न्यूज 18 की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले के पीछे स्थानीय फिदायीन आतंकवादी आदिल अहमद का हाथ था.

घाटी आधारित समाचार एजेंसियों को दिए एक टेली स्टेटमेंट में जैश ए मोहम्मद के प्रवक्ता ने बताया कि यह फिदायीन हमला था. इसको अंजाम देने वाला ड्राइवर पुलवामा के गुंडई बाग का रहने वाला है. इसका नाम आदिल अहमद उर्फ वकास कमांडो है. आदिल अहमद का एक फोटो भी सामने आया है. इसमें वह अपने आपको जैश-ए-मोहम्मद का कमांडर बता रहा है और लिखा, 'गिन रखा है अपने लहू का हर कतरा हमने, न बख्शे हमारे शहीद हमें, जो हमने तुमको एक-एक कतरा गिनवाया नहीं - जाहिद बिन तलहा'

आतंकवादी आदिल अहमद
आतंकवादी आदिल अहमद

घायलों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है. इसके साथ ही इलाके में सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया गया है. बताया जा रहा है कि काफिले में सीआरपीएफ की करीब दर्जनभर गाड़ियों में 2500 से अधिक जवान सवार थे. आतंकियों ने सुरक्षाबलों की दो गाड़ियों को निशाना बनाया. यह उरी से भी बड़ा आतंकी हमला है. उरी हमले में 19 जवान शहीद हुए थे.

सुरक्षाबलों का यह काफिला श्रीनगर-जम्मू हाईवे से होकर जा रहा था. यह एक मात्र हाइवे है, जो कश्मीर घाटी को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ता है. भारी बर्फबारी के कारण 7 दिनों के बाद 13 फरवरी को इस राजमार्ग पर यातायात फिर से शुरू किया गया था. पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि दोपहर लगभग 3:20 बजे इस आत्मघाती हमले को अंजाम दिया गया. 20 जवान शहीद हो गए और गंभीर रूप से घायल हुए 15 जवानों को सेना के 92 बेस अस्पताल बदामीबाग में भेज दिया गया है. धमाके के बाद हाइवे पर यातायात को रोक दिया गया है.

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काफिले में 2500 जवान थे शामिल
सीआरपीएफ के डीजी आरआर भटनागर ने कहा कि जिस काफिले पर हमला हुआ उसमें 2500 जवान शामिल थे. उन्होंने कहा कि वरिष्‍ठ अधिकारी मैके पर हैं और जांच जारी है. घायलों का पूरा ध्‍यान रखा जाएगा.

अलर्ट और सर्च ऑपरेशन जारी
हमले के बाद बाद सेना ने फिलहाल जम्मू-श्रीनगर हाइवे पर ट्रैफिक बंद करते हुए अवन्तीपुरा और आसपास के इलाकों में बड़ा सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया है.