क्या 2000 रुपये के नोट को सिस्टम से हटाने की तैयारी चल रही है, क्योंकि एटीएम से अब 2,000 के बजाय 500 के नोट अधिक निकल रहे हैं। भारतीय रिजर्व बैंक ने पिछले साल सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत मांगी गई जानकारी के जवाब में कहा था कि केंद्रीय बैंक ने 2,000 के नोट की छपाई बंद कर दी है।
हालांकि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर उन खबरों का खंडन किया, जिसमें दावा किया जा रहा है कि बैंक धीरे-धीरे एटीएम में 2000 के नोट कम कर रहे हैं।
Finance Minister Nirmala Sitharaman on reports of instruction to banks to stop putting Rs 2,000 notes in ATM: As far as I know, no such instruction has been given to banks. https://t.co/P9rWUn4ox2 pic.twitter.com/rNoezQ44qK
— ANI (@ANI) February 26, 2020
निर्मला सीतारमण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि जहां तक मेरी जानकारी है, इस तरह के कोई निर्देश नहीं दिए गए हैं। सूत्रों का कहना है कि बैंक ने खुद ही अपने एटीएम में छोटे नोट डालना शुरू कर दिया है, जिससे ग्राहकों को सुविधा हो। कुछ बैंकों ने अपने एटीएम को छोटे नोटों के हिसाब से समायोजित करना शुरू कर दिया।
एटीएम मशीन में अलग-अलग नोट के साइज के हिसाब से स्पेस होता है। ऐसी खबर है कि 2000 के नोट के लिए अब स्पेस खत्म किया जा रहा है। उस स्पेस का इस्तेमाल 100 और 200 रुपये को नोट को भरने के लिए किया जाएगा।
सार्वजनिक क्षेत्र के इंडियन बैंक ने कहा है कि उसने अपने एटीएम में 2,000 का नोट डालना बंद कर दिया है। सूत्रों का कहना है कि 2,000 के नोट का छुट्टा करवाना काफी मुश्किल होता है। ऐसे में बैंकों ने एटीएम में 2,000 का नोट डालना बंद कर दिया है।
रिजर्व बैंक द्वारा आरटीआई पर दिए गए जवाब में कहा गया है कि 2016-17 के दौरान 2,000 रुपये के 354.29 करोड़ नोट छापे गए। हालांकि, 2017-18 में यह संख्या घटकर 11.15 करोड़ और 2018-19 मे 4.66 करोड़ पर आ गई। इससे संकेत मिलता है कि बड़े मूल्य के 2,000 के नोट वैध मुद्रा बने रहेंगे, लेकिन धीरे-धीरे इन्हें हटाया जाएगा।
साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी पीटीआई द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है. यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है.