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लोकसभा चुनाव 2019 के लिए होने वाले मतदान का अभी एक चरण बाकी है और अभी से अपने-अपने राज्यों में विजयी होने के सपने देख रहे क्षेत्रीय दलों ने संभावित नतीजों पर सरकार बनाने की योजनाओं पर काम करना शुरू कर दिया है। सात चरणों के इस मतदान के दौरान यह संभावना जताई जा रही है कि अगर इस चुनाव में बीजेपी के नेतृत्व वाला एनडीए गठबंधन सरकार बनाने लायक सीटें नहीं ला पाया और दूसरी तरफ कांग्रेस भी कोई चमत्कार नहीं कर सकी तो ऐसी क्षेत्रीय पार्टियों को मिलाकर बना तीसरा मोर्चा दिल्ली में सरकार बनाने के लिए कांग्रेस का समर्थन लेने से पीछे नहीं हटेगा।

जी हां, तीसरे मोर्चे की कवायद शुरू करनेवाली पार्टी टीआरएस (तेलंगाना राष्ट्र समिति) ने मंगलवार को यह बात कही। पार्टी ने कहा कि तीसरा मोर्चा बनानेवाले तेलंगाना के सीएम के. चंद्रशेखर राव सरकार के लिए कांग्रेस से समर्थन लेने को तैयार हैं, लेकिन उनकी शर्त सिर्फ इतनी होगी कि कांग्रेस ड्राइवर सीट पर बैठने की मांग न करे।

आपको बता दें कि राव ने ही इस चुनाव से पहले तीसरे मोर्चे की बात छेड़ी थी, जिसमें सिर्फ क्षेत्रीय पार्टियों को जगह मिलनी थी और यह बिना कांग्रेस और बिना बीजेपी वाला फ्रंट बनना था। लेकिन अब टीआरएस के प्रवक्ता आबिद रसूल खान ने कहा कि पार्टी राहुल गांधी के साथ बातचीत करने को तैयार है। उन्होंने कहा, 'केसीआर (राव) इस बात पर दृढ़ हैं कि ड्राइवर सीट पर फेडरल फ्रंट रहेगा और वही सरकार चलाएगा।'

खान ने आगे कहा कि अगर सरकार बनाने के लिए संख्याबल कम होगा तो बाहर से कांग्रेस का समर्थन लेने के बारे में सोचा जा सकता है। खान बोले, 'लेकिन ऐसी स्थिति में भी सरकार फेडरल फ्रंट की होगी और कांग्रेस को बाहर से ही समर्थन देना होगा। हम इस बात पर दृढ़ है कि ड्राइवर सीट पर क्षेत्रीय पार्टियां ही होंगी। प्रधानमंत्री का पद भी फ्रंट में शामिल पार्टियों में से किसी का होगा।'

कांग्रेस से समर्थन लेने की बात पर खान ने कहा, 'हम उनसे (कांग्रेस) बात करने को तैयार हैं। क्षेत्रीय पार्टियां इसका तबतक विरोध नहीं करेंगी जबतक कांग्रेस ड्राइवर सीट पर आने की कोशिश न करे।' खान ने यह भी साफ किया कि फ्रंट किसी भी सूरत में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को सपॉर्ट नहीं करेगा। खान ने आगे कहा कि एसपी, बीएसपी, वाईएसआरसीपी, डीएमके और टीआरएस चुनाव में अच्छा करेंगी लेकिन कांग्रेस 100 का आंकड़ा भी पार नहीं कर पाएगी।

डीएमके प्रमुख स्टालिन भले कांग्रेस को धोखा देने से इनकार कर चुके हों लेकिन टीआरएस का दावा है कि वह भी फेडरल फ्रंट का हिस्सा बन सकती है। खान ने कहा, 'अगर कांग्रेस अपने दमपर 180-200 सीट नहीं जीतती है तो डीएमके जैसे साथी उसका साथ छोड़कर फेडरल फ्रंट में आ सकते हैं।'

बता दें कि इससे पहले चंद्रशेखर राव और एमके स्टालिन की सोमवार को मुलाकात हुई थी। घंटेभर चली मीटिंग में दोनों ने लोकसभा चुनावों के बाद एक वैकल्पिक मोर्चा बनाने पर विचार-विमर्श किया था, जिसमें राव ने स्टालिन को तीसरे मोर्चे में आने को कहा। वहीं स्टालिन ने राव को ही यूपीए में शामिल होने का न्योता दे दिया।