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केंद्र सरकार पर चुनाव के वक्त सरकारी एजेंसियों का इस्तेमाल विपक्षी दलों के खिलाफ किए जाने के आरोपों के बीच चुनाव आयोग ने वित्त मंत्रालय को चेतावनी दी है। आयोग ने सख्त हिदायत देते हुए कहा है कि चुनाव के वक्त एजेंसियों को निष्पक्ष और भेदभाव से दूर रहकर कार्रवाई करनी चाहिए। चुनाव आयोग ने रेवेन्यू सेक्रटरी को पत्र लिखकर कहा है, 'कड़ी चेतावनी दी जाती है कि चुनाव के समय की जाने वाली कार्रवाई गलत इरादे से नहीं होनी चाहिए और निष्पक्ष तरीके से पूरी की जानी चाहिए।'

गौरतलब है कि आयकर विभाग, प्रवर्तन निदेशालय और DRI जैसी एजेंसियां रेवेन्यू डिपार्टमेंट के तहत ही काम करती हैं जो कि वित्तीय अपराधों के खिलाफ कार्रवाई करती हैं। चुनाव आयोग ने यह भी कहा है कि आचार संहिता के दौरान अगर कहीं चुनाव में गलत तरीके से पैसे के इस्तेमाल की जानकारी मिलती है तो इसकी सूचना मुख्य चुनाव अधिकारी (CEO) को दी जानी चाहिए। बता दें कि 11 अप्रैल से मतदान शुरू हो रहे हैं और चुनाव सात चरणों में संपन्न होंगे। 23 मई को वोटों की गिनती की जाएगी।

रविवार को आयकर विभाग ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के करीबी प्रवीण कक्कड़ के घर पर छापेमारी की गई। उन्हें गत दिसंबर में सूबे में कांग्रेस सरकार के गठन के बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ का ओएसडी नियुक्त किया गया था। हालांकि, लोकसभा चुनावों की घोषणा होने से पहले ही कक्कड़ ने अपने इस पद से इस्तीफा दे दिया था। आयकर विभाग ने मध्य प्रदेश, गोवा और दिल्ली में करीब 50 जगहों पर छापेमारी की है जिसमें 300 से ज्यादा अधिकारी लगे थे। कुछ ही दिन पहले कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु में भी ऐसी कार्रवाई की गई थी। विपक्षी दलों का आरोप है कि चुनाव के दौरान सरकार विपक्षी दलों को निशाना बना रही है।

चुनाव आयोग के पत्र में कहा गया है कि कई वर्षों से चुनाव के समय धन के गलत इस्तेमाल की घटनाएं होती रहती हैं जो कि निष्पक्ष और विश्वसनीय चुनाव कराने में बाधा बनती हैं। ऐसे में सभी एजेंसियों को वित्त मंत्रालय के नियंत्रण में कानून के मुताबिक आवश्यक कार्रवाई करनी चाहिए।