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सांकेतिक तस्वीरReuters

लोकसभा चुनाव पूरे होने में अब दो चरण ही बाकी रह गए हैं। ऐसे में मतगणना की तैयारियां भी शुरू हो गई हैं। चुनाव आयोग ने मतगणना में इस बार 5 गुना अधिक वोटर वेरिफिएबल पेपर ट्रेल मशीन्स (वीवीपैट) मशीनों की पर्चियों के ईवीएम के मतों से मिलान की तैयारी पूरी कर ली है। आयोग ने स्पष्ट किया है कि ईवीएम के मत और वीवीपीएटी की पर्ची असंगत पाए जाने पर वीवीपीएटी की पर्चियों की गणना को वैध माना जायेगा। गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव में वीवीपीएटी की पर्ची से ईवीएम के मत का मिलान पहली बार किया जाएगा।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के तहत लागू इस व्यवस्था के अंतर्गत विधानसभा चुनाव में मतगणना के दौरान प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र से एक मतदान केंद्र की वीवीपीएटी की पर्चियों का औचक मिलान किया जाता रहा है। शीर्ष अदालत के हाल में दिए गए आदेश के तहत अब लोकसभा चुनाव की मतगणना में भी प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में पांच मतदान केंद्रों की वीवीपीएटी की पर्चियों का ईवीएम के मतों से औचक मिलान किया जाएगा।

उपचुनाव आयुक्त सुदीप जैन पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि इस बार मतगणना में 5 गुना अधिक वीवीपीएटी की पर्चियों की गणना के कारण चुनाव परिणाम में कम से कम 4 घंटे तक का विलंब हो सकता है। सात चरणों में हो रहे लोकसभा चुनाव के अंतिम दौर का मतदान 19 मई को होने के बाद 23 मई को मतगणना होगी। अब तक पांच चरण का मतदान हो चुका है। छठे चरण का मतदान 12 मई को है।

आयोग ने सात चरणों के चुनाव के लिए देश में 10.35 लाख पोलिंग स्टेशन बनाए हैं जबकि 2014 के चुनावों में करीब 9.28 लाख स्टेशंस ही बनाए गए थे। इन चुनावों में करीब 39.6 लाख ईवीएम और 17.4 लाख वोटर वेरिफिएबल पेपर ट्रेल मशीन्स (वीवीपैट) का इस्तेमाल किया जा रहा है। इनमें रिजर्व भी शामिल हैं।

आयोग के एक अधिकारी ने चुनाव नियमों का हवाला देते हुए बताया कि ईवीएम के मत और वीवीपीएटी की पर्ची के मिलान में विसंगति पाए जाने पर वीवीपीएटी की पर्ची को वैध माना जायेगा। उन्होंने बताया कि निर्वाचन नियमावली के नियम 56 डी (4) बी और 60 के तहत ईवीएम की कंट्रोल यूनिट में दर्ज कुल मत और वीवीपीएटी की पर्चियों की गणना में अंतर पाए जाने पर वीवीपीएटी को वरीयता दी जाएगी। सभी राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को इस स्पष्टीकरण के साथ इसके पालन के निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं।

हालांकि आयोग ने स्पष्ट किया है कि मतगणना के दौरान ईवीएम के मत और वीवीपीएटी की पर्चियों के मिलान में अब तक कभी विसंगति होने का कोई उदाहरण नहीं है। मतगणना संबंधी परिवर्तित व्यवस्था के तहत आयोग को इस बार लोकसभा चुनाव की मतगणना में कुल 20600 मतदान केंद्रों की वीवीपीएटी की पर्चियों की गणना करनी होगी। एक अनुमान के मुताबिक प्रत्येक मतदान केंद्र पर मतदाताओं की संख्या 800 से 2500 तक होती है।