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IANS

हो सकता है कि अंबाती रायुडू को उनके 'त्रिआयामी' वाले ट्वीट के कारण अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से जल्दी अलविदा कहना पड़ा हो, लेकिन चयनसमिति के अध्यक्ष एमएसके प्रसाद ने इस हैदराबादी खिलाड़ी को विश्व कप टीम में शामिल नहीं करने के फैसले का बचाव किया। मुख्य चयनकर्ता ने रविवार को कहा कि उनके पैनल को पक्षपाती नहीं कहा जा सकता। रायुडू को जनवरी तक भारत का नंबर 4 बल्लेबाज माना जा रहा था लेकिन उन्हें विश्व कप टीम में जगह नहीं मिली और उनकी जगह तमिलनाडु के ऑलराउंडर विजय शंकर को टीम में शामिल किया गया था, जिनके बारे में प्रसाद ने 'त्रिआयामी खिलाड़ी' की टिप्पणी की थी।

इसके बाद ही रायुडू ने व्यंग्यात्मक ट्वीट किया था, 'विश्व कप देखने के लिए अभी त्रिआयामी चश्में मंगाए हैं।' इसमें निश्चिततौर पर चयनसमिति को निशाना बनाया गया था और माना जा रहा है कि इसी कारण बाद में भी चोटिल खिलाड़ियों की जगह पर उनकी बजाए ऋषभ पंत और मयंक अग्रवाल को टीम में लिया गया था। इसके बाद रायुडू ने सभी प्रारूपों से संन्यास ले लिया था।

प्रसाद से जब रायुडू के ट्वीट के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, 'यह प्यारा ट्वीट था। सही समय पर किया गया ट्वीट। मैंने वास्तव में इसका आनंद लिया। मैं नहीं जानता कि यह बात उसके दिमाग में कैसे आई।' उन्होंने हालांकि इस मामले को लेकर स्पष्टीकरण भी दिया कि रायुडू को टीम संयोजन के कारण नहीं चुना गया और चयनसमिति ने किसी का पक्ष नहीं लिया था।

प्रसाद ने कहा, 'उन पर (रायुडू) जिस तरह की भावनाएं हावी थीं चयन समिति भी वैसी भावनाओं से गुजरी थी।' उन्होंने कहा, 'जब हम किसी खिलाड़ी का चयन करते हैं और वह अच्छा करता है तो हमें बहुत खुशी होती है। इसी तरह से जब किसी का चयन नहीं हो पाता है तो चयनसमिति को भी बुरा लगता है। लेकिन जो फैसले किए गए वे पक्षपातपूर्ण नहीं थे या हमने विजय शंकर, ऋषभ पंत या मयंक अग्रवाल का चयन क्यों किया इसमें भी कोई पूर्वाग्रह नहीं था।'

प्रसाद ने याद दिलाया कि जब रायुडू को उनके टी20 प्रदर्शन के आधार पर चुना गया और वह फिटनेस टेस्ट में नाकाम रहे तो पैनल ने उनका पक्ष लिया था। उन्होंने कहा, 'मैं रायुडू को लेकर आपको छोटा सा उदाहरण देता हूं। जब रायुडू को टी20 (आईपीएल 2018) के प्रदर्शन के आधार पर वनडे टीम में चुना गया तो काफी आलोचना हुई लेकिन उनको लेकर हमारी कुछ राय थी। जब वह फिटनेस (यो यो) टेस्ट में असफल रहे (इंग्लैंड दौरे में वनडे सीरीज) तो इस चयनसमिति ने उनका पक्ष लिया और हमने उसे एक महीने के फिटनेस कार्यक्रम में रखा ताकि वह टीम में आने के लिए फिट रहें।'

प्रसाद ने यह भी बताया कि पंत और अग्रवाल को विश्व कप टीम में रायुडू पर क्यों प्राथमिकता दी गई। उन्होंने कहा, 'टीम प्रबंधन ने बाएं हाथ के बल्लेबाज की मांग की और हमारे पास ऋषभ पंत के अलावा कोई विकल्प नहीं था। इसको लेकर हमारी स्पष्ट राय थी। हम जानते थे कि वह सक्षम हैं। इसलिए बाएं हाथ के बल्लेबाज को चुना गया। कई लोग सोच रहे थे कि एक सलामी बल्लेबाज की जगह पर मध्यक्रम के बल्लेबाज क्यों चुना गया।'

प्रसाद ने कहा कि केएल राहुल के कवर के तौर पर अग्रवाल को इसलिए चुना गया क्योंकि टीम प्रबंधन ने सलामी बल्लेबाज भेजने के लिए कहा था। उन्होंने कहा, 'तब हमें लिखित में सलामी बल्लेबाज भेजने के लिए कहा गया। हमने कुछ सलामी बल्लेबाजों पर विचार किया। कुछ फॉर्म में नहीं थे और कुछ चोटिल थे और इसलिए हमने मयंक अग्रवाल को चुना। इसको लेकर किसी तरह की भ्रम नहीं है और आखिर में सभी अटकलें स्पष्ट होनी चाहिए।'

साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी पीटीआई द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है। यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है।