गृह मंत्रालय ने विदेशी मीडिया में चल रही उन खबरों को सिरे से खारिज किया है किया है जिनमे कहा गया था कि अनुच्छेद-370 को हटाने के खिलाफ श्रीनगर में एक बड़ा प्रदर्शन हुआ है जिसमे 10 हजार लोग शामिल हुए. मंत्रालय ने ऐसी खबरों मनगढ़ंत और आधारहीन करार दिया है.
होम मिनिस्ट्री के प्रवक्ता ने बयान जारी कर कहा कि हजारों लोगों के विरोध करने की खबरें गलत है. मंत्रालय ने कहा कि जुमे के मौके पर श्रीनगर और बारामूला में छिटपुट विरोध प्रदर्शन हुए थे, लेकिन इनमें 20 से ज्यादा लोग शामिल नहीं थे.
गृह मंत्रालय ने ट्वीट किया, "कुछ ऐसे मीडिया रिपोर्ट्स हैं जिनमें दावा किया गया है कि श्रीनगर में एक विरोध प्रदर्शन में 10 हजार लोग शामिल हुए हैं, ये पूरी तरह से मनगढ़ंत और झूठ है, श्रीनगर और बारामूला में कुछ प्रदर्शन हुआ है लेकिन इनमें से किसी भी प्रदर्शन में 20 से ज्यादा लोग शामिल नहीं हैं."
बता दें कि इससे पहले अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने एक रिपोर्ट में कहा था कि शुक्रवार को विरोध प्रदर्शन में 10 हजार लोग शामिल हुए थे. रॉयटर्स ने ये रिपोर्ट एक पुलिस अधिकारी और दो चश्मदीदों के हवाले से दिया था.
इस रिपोर्ट के मुताबिक श्रीनगर के सौरा इलाके में धारा-144 का उल्लंघन कर लोग इकट्ठा हुए थे. रॉयटर्स ने दावा किया था कि इस भीड़ को आइवा ब्रिज के पास पीछे धकेले दिया गया था. यहां पर पुलिस ने इस भीड़ पर आंसू गैस का इस्तेमाल किया. पुलिस अधिकारी का कहना था कि इस विरोध प्रदर्शन में तकरीबन 10 हजार लोग थे और ये अबतक का सबसे बड़ा प्रदर्शन था.
बता दें कि शुक्रवार को प्रशासन ने श्रीनगर में कुछ ढील दी थी कि ताकि लोग जुमे की नमाज की अदा कर सकें और बकरीद के लिए खरीदारी कर सकें. इसका फायदा उठाकर कुछ लोग कहीं-कहीं जमा हो गए थे. हालांकि प्रशासन द्वारा एहतियाती कदम उठाने के बाद ये लोग यहां से जाने को मजबूर हो गए.
घाटी में ईद के मौके पर चरणबद्ध तरीके से धारा 144 को हटाया जाएगा. हालांकि पाबंदियों को पूरी तरह से हटाने की स्थिति 15 अगस्त के बाद ही पैदा होगी. इसकी वजह यह है कि यही वह दौर होता है, जब घाटी में अलगाववादी अपना आंदोलन तेज करते हैं.