
गुजरात के राजकोट जिले के शापर-वेरावल औद्योगिक क्षेत्र में में 20 मई को कुछ श्रमिकों ने कथित रूप से एक कबाड़ बीननेवाले को निर्दयता से पीट-पीटकर मौत के घाट उतार दिया. कहा जा रहा है कि यह घटना रविवार की सुबह उस समय घटित हुई जब औद्योगिक क्षेत्र में एक कबाड़ बीनने वाले व्यक्ति की नजदीकी कारखानों में काम करने वाले श्रमिकों के साथ बहस हो गई.
न्यूज 18 की खबर के अनुसार, कबाड़ बीनने वाले की पहचान मुकेश सावजी वनिया के रूप में हुई है जो अपनी पत्नी जया और एक अन्य साथी सविता के साथ कारखाने में कबाड़ इकट्ठा करने गया था. हालांकि जब कारखाने के श्रमिकों से उनका सामना हुआ तो इस तिकड़ी की उनके साथ किसी बात पर बहस हो गई. इसके बाद दोनों महिलाओं को मौके से दूर ले जाया गया जबकि मुकेश को बांधकर पीट-पीटकर मौत के घाट उतार दिया गया.
40 वर्षीय व्यक्ति को कुछ आदमियों द्वारा बुरी तरह पीटे जाने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. इसके बाद स्थानीय पुलिस ने घटना का संज्ञान लिया और मामले की जांच प्रारंभ की.
न्यूज 18 की खबर के मुताबिक, पुलिस ने वनिया की पत्नी की शिकायत के आधार पर आईपीसी की धारा 302 (हत्या) और अनुसूचित जाति और जनजाति (अत्याचार रोकथाम) अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया है.
द इंडियन एक्स्प्रेस ने एक पुलिस अधिकारी आरजी सिंधु के हवाले से लिखा है, ''विवाद के पीछे का मुख्य कारण अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है. लेकिन शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि कारखाने के आसपास से कबाड़ चुनने को लेकर विवाद की शुरुआत हुई. दोनों महिलाएं मौके पर कुछ पुरुष सदस्यों के साथ आईं तो उन्हें मुकेश जमीन पर पड़ा मिला.''
उन्होंने आगे बताया, ''वे उसे राजकोट सिविल अस्पताल लेकर गए जहां डाॅक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. हमनें अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं.मृतक के शरीर पर चोटों के निशान पाए गए है जो लाठी जैसी किसी चीज से हो सकते हैं.''
In a heart-wrenching incident, a Dalit couple was brutally thrashed in Gujarat’s Rajkot on May 20 [Video]#Rajkot #Crime
— IBTimes India (@ibtimes_india) May 21, 2018
Read More: https://t.co/v9rzHLlyZH pic.twitter.com/NnscqslyTo
पुलिस ने इस मामले में चार संदिग्धों को गिरफ्तार किया है. इसके अलावा एक और नाबालिग संदिग्ध को भी हिरासत में लिया गया है. अनुसूचित जाती/जनजाती अधिनियत के तहत हत्या का मामला दर्ज किया गया है जिसकी जांच एक डिप्टी रैंक के अधिकारी द्वारा की जाएगी.
इस बीच दलित नेता और विधायक जिग्नेश मेवानी ने पूरे घटनाक्रम पर दुःख जताया है.
यह उना की घटना से भी कही अधिक वीभत्स घटना है. उना में पीड़ितो को पीटा और अपमानित किया गया जबकि यहां तो जातिगज हिंसा में एक व्यक्ति की जान ही ले ली गई. एक तरफ जहां अनुसूचित जाती से ताल्लुक रखने वाले श्री मुकेश वनिया की बुरी तरह से पीट-पीटकर हत्या कर दी गई, उनकी पत्नी को भी बुरी तरह पीटा गया. गुजरात की सरकार अपनी पिछली गलतियों से कोई सबक सीखने में नाकामयाब रही है.