सांकेतिक तस्वीर
Creative Commons/UNDP in India

गुजरात में 26 लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ रहे कुल 370 उम्मीदवारों में से 58 पर विभिन्न आपराधिक मुकदमे चल रहे हैं। असोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की एक रिपोर्ट में इन आंकड़ों का खुलासा हुआ है। इन 58 उम्मीदवारों में से 34 पर इंडियन पीनल कोड (आईपीसी) के अलग-अलग सेक्शन के तहत हत्या और हत्या के प्रयास जैसे गंभीर आपराधिक मामले चल रहे हैं।

एडीआर के मुताबिक, कुल उम्मीदवारों में से 16 प्रतिशत लोकसभा उम्मीदवार आपराधिक मुकदमों का सामना कर रहे हैं जिनमें से 9 प्रतिशत पर गंभीर आपराधिक मुकदमे हैं।

बता दें कि गुजरात की सभी 26 लोकसभा सीट पर एक बार में 23 अप्रैल को वोटिंग होगी। जिन 34 लोकसभा उम्मीदवारों पर गंभीर अपराध के मुकदमे चल रहे हैं उनमें सबसे ज्यादा 19 निर्दलीय, 9 कांग्रेस और 5 बीजीपी के हैं।

एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक, गांधीनगर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह पर आपराधिक धमकी, आगजनी और अलग-अलग समूहों के सदस्यों के बीच नफरत बढ़ाने जैसे अपराध के लिए मुकदमे चल रहे हैं। पिछले महीने नामांकन के समय दिए गए अपने एफिडेविट में शाह ने अपने खिलाफ 4 आपराधिक केस चलने की बात कही थी। हालांकि, उन्होंने कहा था कि किसी भी केस में उन पर दोष साबित नहीं हुआ है।

भारतीय ट्राइबल पार्टी के उम्मीदवार और प्रमुख छोटू वासवा और उनके विरोधी कांग्रेस उम्मीदवार शेखरन पाठन भरूच लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। इन दोनों पर हत्या से जुड़े मामले चल रहे हैं।

1993 में झागड़िया पुलिस स्टेशन में आईपीसी के सेक्शन 302 में दर्ज हुए मामले के अलावा, वासवा पर चोरी, दंगे, आपराधिक षड्यंत्र समेत कई दूसरे मामले भी दर्ज हैं। हालांकि, अभी इन मामलों में दोष सिद्ध होना बाकी है।

पाठन पर भी 5 दूसरे गंभीर मुकदमे दर्ज हैं, जिनमें चुनाव के दौरान अनुचित प्रभाव, किडनैपिं और खतरनाक हथियारों से नुकसान पहुंचाने जैसे मामले हैं।

एडीआर के मुताबिक, सुरेंद्रनगर सीट से निर्दलीय उम्मीदवार भागवन गोल्तार, राजकोट सीट से बहुजन समाज पार्टी के विजय परमार पर भी हत्या, हत्या का प्रयास, डकैती जैसे मामले चल रहे हैं।

जूनागढ़ संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे अमरूतभाई करिया पर सबसे ज्यादा 11 गंभीर अपराधों के लिए मुकदमे चल रहे हैं। ये केस हत्या, धोखधड़ी, जालसाजी, दूसरों के जिंदगी से खिलवाड़ जैसे मामले से जुड़े हैं।

आनंद से बीजेपी उम्मीदवार मितेश पटेल पर 9 गंभीर मुकदमे दर्ज हैं, इनमें अलग-अलग समूहों के लोगों के बीच नफरत को बढ़ावा देने, जानलेवा हथियारों के साथ दंगे करने, आगजनी और घर तोड़ने जैसे कई दूसरे मामले हैं। पटेल पर धोखधड़ी, दो समुदायों के बीच नफरत फैलाना, गोधरा दंगों के बाद हुए दंगों से जुड़े मामले शामिल हैं। पटेल को कोर्ट ने दोषी करार दिया था जिसे राज्य सरकार ने गुजरात हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। अभी यह मामला हाई कोर्ट में चल रहा है।

राजकोट से निर्दलीय उम्मीदवार प्रवीन देनगादा पर चोरी, आगजनी, खतरनाक हथियोरों के साथ हिंसा समेत 6 गंभीर आपराधिक मामले चल रहे हैं।

एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार, सुरेंद्रनगर से भूपत सोलंकी पर भी डकैती, खतरनाक हथियारों से नुकसान, घरों को तोड़ना जैसे 6 गंभीर अपराधों के मुकदमे चल रहे हैं।

अहमदाबाद ईस्ट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहीं गीताबेन पटेल पर घर तोड़ने और सरकारी कर्मचारी को नुकसान पहुंचाने जैसे मामले दर्ज हैं।

अमरेली सीट से व्यवस्था परिवर्तन पार्टी के उम्मीद धर्मसिंहभाई धापा पर डकैटी, आगजनी, धमाके और घरों में तोड़फोड़ जैसे गंभीर अपराधों के लिए 5 केस चल रहे हैं।

दाहोद से कांग्रेस उम्मीदवार बाबूभाई कटारा पर धोखाधड़ी और जालसाजी से जुड़े चार गंभीर मुकदमे चल रहे हैं। राजकोट से कांग्रेस उम्मीदवार ललित कागाथारा पर रिश्वत, चुनावों के दौरान गैरकानूनी तौर पर पैसे देकर अनुचित तौर पर प्रभावित करने जैसे गंभीर अपराधों के लिए मुकदमे चल रहे हैं।

वड़ोदरा से कांग्रेस उम्मीदवार प्रशांत पटेल पर भी आईपीसी सेक्शन के तहत धोखाधड़ी और जालसाजी के लिए 3 गंभीर केस चल रहे हैं। पाटन से निर्दलीय उम्मीदवार सोयाभाई भोरनिया पर हत्या के प्रयास और जानबूझकर नुकसान पहुंचाने जैसे अपराध के लिए मुकदमे चल रहे हैं।

जामनगर सीट से एक और निर्दलीय उम्मीजलाक सामा यूसुफ पर भी हत्या के प्रयास के लिए केस चल रहा है। पंचमहल सीट से कांग्रेस उम्मीदवार वेचत खांट पर भी डकैती से जुड़े मामले दर्ज हैं।

जूनागढ़ से बीजेपी के उम्मीदवार राजेश चूड़ासमा पर शोषण और महिलाओं के खिलाफ आपराधिक बल का इस्तेमाल कर वारदात को अंजाम देने का इरादा जैसे मामले दर्ज हैं। राजकोट से निर्दलीय उम्मीदवार अमरदास दसानी पर भी इन्हीं मामलों में केस चल रहे हैं।