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सुप्रीम कोर्ट ने राजनीतिक रूप से संवेदनशील राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद में शामिल पक्षों में से एक राम लला विराजमान से शुक्रवार को पूछा कि क्या रघुवंश (भगवान राम के वंशज‍ों) में से कोई अब भी अयोध्या में रह रहा है? मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की पीठ ने राम लला विराजमान के लिए पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता के पराशरन के सामने यह सवाल रखा।

पीठ ने कहा, 'हम सिर्फ सोच रहे हैं कि क्या 'रघुवंश' वंश का कोई व्यक्ति अब भी (अयोध्या में) रह रहा है।' पीठ ने कहा कि यह जिज्ञासावश पूछा जा रहा है। पराशरन ने जवाब दिया, 'मुझे जानकारी नहीं है। हम इसका पता लगाने की कोशिश करेंगे।' आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट अब अयोध्या मामले में रोजाना सुनवाई कर रहा है।

सुनवाई के चौथे दिन, पराशरन शीर्ष अदालत के सवालों का जवाब दे रहे थे कि 'जन्मस्थानम' (देवता का जन्म स्थान) कैसे 'न्यायिक व्यक्ति' के रूप में माना जा सकता है।

उन्होंने कहा, 'हिंदू धर्म में जरूरी नहीं है कि उसी स्थान को मंदिर माना जाए जहां मूर्तियां हों। हिंदू किसी भी निश्चित रूप में देवताओं की पूजा नहीं करते हैं, बल्कि वे उन्हें दिव्य अवतार के रूप में पूजते हैं जिनका कोई रूप नहीं है।' इस मामले में दलीलें 13 अगस्त को भी जारी रहेंगी। इससे पहले गुरुवार की सुनवाई के दौरान ऋग्वेद, श्लोक, नदी तक का जिक्र हुआ था, तब सुप्रीम कोर्ट के जज निर्मोही अखाड़ा और रामलला विराजमान के वकीलों को सुन रहे थे।

साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी पीटीआई द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है। यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है।