सांकेतिक तस्वीर
REUTERS/Danish Ismail

जम्मू कश्मीर में आतंकियों के द्वारा अगवा किए गए पुलिसकर्मियों की रिहाई के बाद घाटी के मोस्ट वांटेड आतंकवादी रियाज नाइकू एक बार फिर से चर्चा में आ गया है. गौरतलब है कि हिज्बुल मुजाहिदीन के कमांडर रियाज नाइकू ने शुक्रवार को ही जम्मू-कश्मीर में पुलिसकर्मियों के परिजनों को अगवा करने की जिम्मेदारी ली थी. 30 वर्षीय नाइकू 2016 में आतंकियों के पोस्टर ब्वॉय बुरहान वानी की मौत के बाद से ही सुरक्षा एजेंसियों के रडार पर था. बता दें कि नाइकू पर 12 लाख का इनाम घोषित है.

अवंतीपोरा के नाइकू मोहल्ला का निवासी नाइकू सबसे खतरनाक आतंकियों के कैटैगरी में गिना जाता है. घाटी में मोस्ट वांटेड आतंकी के नाम से फेमस नाइकू ने पिछले साल मई में सब्जार भट की मौत के बाद हिजबुल मुजाहिद्दीन प्रमुख की जगह ले ली थी.

पिछले साल नाइकू ने एक वीडियो जारी कर कहा था कि वह घाटी में वापस आए कश्मीरी पंडितों का स्वागत करता है साथ ही उसने दावा किया था कि आतंकवादी पंडितों के दुश्मन नहीं हैं. पुलिस मुठभेड़ में नाइकू के दो करीबियों अल्ताफ कचरु और सद्दाम पेद्दार को सुरक्षाकर्मियों ने मार गिराया था.

एक अन्य सुरक्षा अधिकारी ने बताया कि आतंकियों के मौत पर श्रद्धांजलि के तौर पर नाइकू को कई बार हवा में फायरिंग करते हुए देखा गया था. सुरक्षा अधिकारियों का ये भी मानना है कि नाइकू ने दक्षिण कश्मीर से कई युवा लड़कों को आतंकी गतिविधियों में शामिल किया था.

जानकारी के मुताबिक जब नाइकू के पिता को पुलिस ने अपने हिरासत में लिया था उसके बाद से ही इन आतंकियों ने पुलिसकर्मियों के परिजनों को अगवा करना शुरू कर दिया था. शुक्रवार को जारी किए एक फ्रेश ऑडियो संदेश में नाइकू ने पुलिसकर्मियों को धमकी देते हुए कहा था कि वे इंडियन एजेंट बनने की कोशिश ना करें.