आयुष मंत्रालय ने कोरोना वायरस के मद्देनजर रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए एहतियाती स्वास्थ्य उपायों के तौर पर अपनी देखभाल के लिए कुछ दिशा निर्देश मंगलवार को जारी किए। इनमें खासतौर से श्वसन संबंधी उपायों का जिक्र है। उसने कहा कि ये उपाय आयुर्वेदिक साहित्य और वैज्ञानिक प्रकाशनों पर आधारित हैं।
Be with #Ayurveda to shore up your immunity during the Covid- 19 crisis.
— Ministry of AYUSH?? #StayHome #StaySafe (@moayush) March 31, 2020
Mankind across the globe is suffering in the wake of the Covid -19 pandemic. We all know that there is no medicine for COVID-19 as of now. Enhancing the body’s natural defence system pic.twitter.com/9Rmf2H5qq7
मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ''कोविड-19 के चलते दुनियाभर में सभी लोग प्रभावित हैं। अच्छा स्वास्थ्य बनाए रखने में शरीर की प्राकृतिक रक्षा प्रणाली को मजबूत करना अहम भूमिका निभाता है।''
इसमें कहा गया है, ''हम सभी जानते हैं कि इलाज से बेहतर रोकथाम है। अभी तक चूंकि कोविड-19 के लिए कोई दवा नहीं है तो अच्छा होगा कि ऐसे एहतियाती कदम उठाए जाए जो इस वक्त में हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाएं।''
कुछ सामान्य उपायों को सूचीबद्ध करते हुए मंत्रालय ने दिनभर गर्म पानी पीने, हर दिन कम से कम 30 मिनट योग अभ्यास, प्राणायाम करने और ध्यान लगाने तथा भोजन पकाने के दौरान हल्दी, जीरा और धनिया जैसे मसालों का इस्तेमाल करने की सलाह दी है। उसने रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने के लिए सुबह 10 ग्राम यानी एक चम्मच च्यवनप्राश खाने (मधुमेह रोगियों को बिना र्शकरा वाला) जैसे कुछ आयुर्वेदिक उपायों का जिक्र किया है।
मंत्रालय ने दिन में एक या दो बार हर्बल चाय पीने या तुलसी, दालचीनी, काली मिर्च, सूखी अदरक और किशमिश का काढ़ा पीने तथा 150 मिलीलीटर गर्म दूध में आधा चम्मच हल्दी डालकर पीने की भी सलाह दी है। उसने सुबह और शाम दोनों नथुने में तिल या नारियल का तेल या घी लगाने जैसे कुछ आसान आयुर्वेदिक उपाय भी सुझाए हैं।
सूखी खांसी या गले में सूजन के लिए उसने दिन में एक बार पुदीने की ताजा पत्ती या अजवाइन के साथ भांप लेने की सलाह दी है और खांसी या गले में खराश के लिए दिन में दो-तीन बार प्राकृतिक शक्कर या शहद के साथ लौंग का पाउडर लेने के लिए भी कहा है।
मंत्रालय ने कहा कि इन उपायों से आम तौर पर सामान्य सूखी खांसी या गले में सूजन कम होती है। हालांकि अगर लक्षण फिर भी बने रहते हैं तो डॉक्टर की सलाह लेना बेहतर है।
उसने कहा कि देशभर के प्रतिष्ठित डॉक्टरों ने इन उपायों का सुझाव दिया है क्योंकि ये संक्रमण के खिलाफ व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ा सकते हैं।
साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी पीटीआई द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है. यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है.