Corona

पहले दौर के 21 दिनों के लॉकडाउन के दौरान कोविड-19 के मरीजों में करीब 10,000 का उछाल देखने को मिला जबकि 320 की मौत हुई। वहीं, लॉकडाउन की सफलता को लेकर बहस के बीच चिकित्सा विशेषज्ञों का मानना है कि अगर देश में इतने बडे़ स्तर पर लॉकडाउन लागू नहीं किया जाता तो हालात इससे कहीं ज्यादा बदतर हो सकते थे।

कोरोना वायरस के प्रसार की रोकथाम के मद्देनजर मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशव्यापी लॉकडाउन को 19 दिन का विस्तार देते हुए इसे तीन मई तक बढ़ाने की घोषणा की। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, देश में पिछले 24 घंटे में कोविड-19 से 31 लोगों की मौत हो गई जबकि संक्रमण के 1,211 नए मामले सामने आए।

24 मार्च को जब पहले चरण के 21 दिन के लॉकडाउन की प्रधानमंत्री ने घोषणा की थी, उस समय देशभर में कोविड-19 के 520 पुष्ट मामले थे और 11 लोगों की मौत हो चुकी थी। लॉकडाउन के लागू होने के एक सप्ताह बाद संक्रमण के मामले बढ़कर 1,397 तक पहुंच गए जबकि मरने वालों की संख्या 35 तक चली गई।

लॉकडाउन के तीसरे और आखिरी हफ्ते में संक्रमण के मामलों में 5,574 का उछाल आया और 215 की मौत हुई। वर्तमान में कोरोना वायरस संक्रमण से मृतकों की संख्या 339 पहुंचने के साथ ही संक्रमितों की संख्या 10,363 हो गई।

हालांकि, 21 दिन के लॉकडाउन के प्रभाव की सफलता का पता लगाने के लिए एक व्यापक अध्ययन की जरूरत है लेकिन देश के चिकित्सा विशेषज्ञ कहते हैं कि यह बेहद जरूरी था और अगर ऐसा कदम नहीं उठाया जाता तो भारत के हालात और ज्यादा खराब हो सकते थे।

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सांकेतिक तस्वीरPTI

सर गंगा राम अस्पताल में फेफड़ों के विख्यात सर्जन अरविंद कुमार ने पीटीआई-भाषा से कहा, ''मुझे लगता है कि यह (पहला लॉकडाउन) एक साहसिक कदम था और हालात की मांग थी। हमारे यहां इटली, अमेरिका अथवा अन्य यूरोपिय देशों की तुलना में जल्दी लॉकडाउन लागू किया गया और आप उन देशों में संक्रमितों की संख्या देख सकते हैं और हमारे यहां से तुलना कर सकते हैं।''

फरीदाबाद के फोर्टिस एस्कॉर्टस में फेफड़ा रोग विभाग के विभागाध्यक्ष रवि शेखर झा ने कहा कि आखिरी के कुछ दिनों में मामलों में तेजी से बढ़े हैं। झा ने कहा, ''पहले 10 दिन में मामले दोगुना हो रहे थे, उसके बाद यह गिरकर सात दिन में और फिर चार दिन में ही दोगुना होने लगे लेकिन लॉकडाउन ने हमें फायदा पहुंचाया। इसके बिना, मामले बहुत ज्यादा होते।''

अपोलो अस्पताल के फेफड़ा रोग विशेषज्ञ डॉ राजेश चावला ने कहा कि पिछले कुछ दिनों में संक्रमण के मामलों में इजाफा हुआ है और अभी यह और भी बढ़ेंगे। उन्होंने कहा कि 21 दिन का लॉकडाउन लागू करने से सरकार और अन्य पक्षकारों को महामारी से मुकाबला करने की तैयारी का मौका मिल गया।

साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी पीटीआई द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है. यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है.