मृतक महिला के सड़े-गले शव के निजी अंगों में मिली बियर की बोतल. (सांकेतिक तस्वीर)
विकिमीडिया काॅमन्स

बिहार के सीतामढ़ी सेशन कोर्ट परिसर में अपराधियों ने कुख्यात संतोष झा की गोली मारकर हत्या कर दी है. अज्ञात अपराधियों ने इस घटना को अंजाम दिया. संतोष झा दरभंगा में हुए डबल मर्डर केस में आरोपी था.

समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार संतोष झा को एक मामले में पेश करने के लिए कोर्ट लाया गया था. गोली लगने के बाद गंभीर हालत में उसे सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसकी मौत हो गई. संतोष झा के सीने में तीन गोलियां लगी.

प्राप्त जानकारी के मुताबिक, एक हमलावर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है वहीं, एक फायरिंग करते हुए फरार हो गया. गिरफ्तार हमलावर से पूछताछ जारी है.

कुख्यात संतोष झा पर हत्या, अपहरण, लूट और रंगदारी कुल 32 मामले दर्ज थे. ज्यादातर मामलों में उसे जमानत मिल चुकी थी. चार महीने में पांच बड़े मामलों में वह बड़ी हुआ था. संतोष झा पर जेल से रंगदारी मांगने का आरोप है. वह जेल से ठेकेदारों को फोन करता था और टेंडर नहीं डालने का दबाव बनाता था. शिवहर में निजी बिजली कंपनी के इंजीनियर की हत्या का भी आरोप लगा था.

माफिया डॉन संतोष झा ने मिथिला में बिहार पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट बना रखा था. इसे उसने नक्सलियों के ग्रुप के तर्ज पर तैयार किया था. संतोष और विकास पहले नक्सली गिरोह में अहम पदों पर रह चुके थे, लेकिन एक नक्सली कमांडर को धोखे से मरवाकर दोनों सरगना बन बैठे. इसके बाद दोनों ने इस नक्सली ग्रुप को क्रिमिनल ग्रुप मे तब्दील कर दिया. पूरे इलाके का यह सबसे बड़ा लेवी वसूलने वाला गिरोह बन गया. इस गिरोह के पास तीन AK47 राइफले हैं. बड़ी वारदात को अंजाम देने के लिए AK47 राइफल का इस्तेमाल किया जाता है.