Corona

केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार मंगलवार को कोरोना संक्रमण के पिछले 24 घंटों में 1,211 नये मामले सामने आये हैं, साथ ही इस अवधि में 31 मरीजों की मौत हुयी है।

स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने मंगलवार को नियमित संवाददाता सम्मेलन में बताया कि देश में कोरोना के संक्रमण के कुल मामले 10,363 हो गये हैं, जबकि अब तक इससे 339 लोगों की मौत हो चुकी है।

अग्रवाल ने बताया कि संक्रमित मरीजों में से अब तक 1036 मरीजों को स्वस्थ होने के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गयी है। उन्होंने बताया कि सोमवार से अब तक देश में स्वस्थ होने वाले मरीजों की संख्या 179 है।

अग्रवाल ने वैश्विक स्तर पर इस महामारी के प्रकोप को देखते हुये, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के आंकड़ों के हवाले से भारत में स्थिति को संतोषजनक बताया। उन्होंने कहा कि डब्ल्यूएचओ के आंकड़ों के अनुसार पिछले 24 घंटों में पूरे विश्व में कोरोना संक्रमण के कुल 76,498 मामले सामने आये और 5702 संक्रमित मरीजों की मौत हुयी।

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सांकेतिक तस्वीरPixabay

उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीन मई तक लॉकडाउन की अवधि को बढ़ाने की घोषणा की है। इस दौरान लॉकडाउन के मानकों के पालन को सुनिश्चित करने के लिये प्रत्येक शहर के प्रयासों का 20 अप्रैल तक मूल्यांकन किया जायेगा। इसके आधार पर बेहतर काम करने वाले शहरों को लॉकडाउन से आंशिक छूट दी जायेगी।

अग्रवाल ने स्पष्ट किया कि सशर्त छूट मिलने के बाद अगर उस शहर में शर्तों के पालन में कोई लापरवाही पायी गयी तो छूट वापस भी ली जा सकेगी। अग्रवाल ने कहा कि शहरों के मूल्यांकन की क्या पद्धति होगी, इसे मंत्रालय द्वारा जल्द सार्वजनिक किया जायेगा।

इस दौरान भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के वरिष्ठ वैज्ञानिक रमन आर गंगाखेड़कर ने बताया कि देश में कोरोना वायरस संक्रमण के लिए अभी तक 2,31,902 नमूनों की जांच की गयी है। इनमें सोमवार से अब तक 21635 नमूनों की जांच भी शामिल है। इनमें 18644 सेंपल का परीक्षण सरकारी प्रयोगशालाओं में और 2991 परीक्षण निजी प्रयोगशालाओं में किये गये।

उन्होंने बताया कि देश में आईसीएमआर की प्रयोगशालाओं की संख्या बढ़कर 166 हो गयी है और 70 निजी प्रयोगशालाओं को भी कोविड-19 के परीक्षण की अनुमति दी जा चुकी है।

संवाददाता सम्मेलन में गृह मंत्रालय की संयुक्त सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान सभी को भोजन उपलब्ध कराने के मकसद से 80 करोड़ जरूरतमंद लोगों को अगले तीन माह तक मुफ्त खाद्यान्न की सुविधा दी जायेगी।

उन्होंने बताया कि लॉकडाउन के दौरान लोगों की समस्याओं के समाधान के लिये मंत्रालय द्वारा शुरु की गयी हेल्पलाइन पर प्रवासी मजदूरों सहित अन्य जरूरतमंद 5000 लोगों की शिकायतों का निवारण किया गया है।

श्रीवास्तव ने बताया कि मंत्रालय ने लॉकडाउन से प्रभावित हुये प्रवासी मजदूरों और स्थानीय कामगारों की मदद के लिये राज्यों के श्रम आयुक्तों की निगरानी में भी 20 हेल्पलाइन शुरु की हैं।

साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी पीटीआई द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है. यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है.