कोरोना वायरस खतरे के मद्देनजर दिल्ली पुलिस ने शाहीन बाग में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ पिछले 101 दिन से प्रदर्शन पर बैठे लोगों को मंगलवार सुबह वहां से हटा दिया। महिला प्रदर्शनकारी सीएए के खिलाफ तीन माह से भी ज्यादा वक्त से शाहीन बाग में धरने पर बैठी हैं।
इस दौरान शाहीन बाग से कुल 9 लोग हिरासत में लिए गए, जिसमें 6 महिलाएं और 3 पुरुष है। दिल्ली में कर्फ्यू और सेक्शन 144 को देखते हुए कार्रवाई की गई। आवश्यक वस्तुओं और इमेरजेंसी वाहनों के आवागमन में दिक्कत न हो इसलिए कार्रवाई हुई।
#WATCH Delhi Police clears the protest site in Shaheen Bagh area, amid complete lockdown in the national capital, in wake of #Coronavirus pic.twitter.com/N6MGLTLs5Z
— ANI (@ANI) March 24, 2020
पुलिस उपायुक्त (दक्षिण-पूर्व) आर पी मीणा ने कहा कि कोरोना वायरस प्रकोप के कारण लॉकडाउन (बंद) लागू किए जाने के बाद शाहीन बाग में प्रदर्शन स्थल को खाली करने का अनुरोध किया गया था।
अधिकारी के अनुसार जब प्रदर्शनकारियों ने जगह खाली करने से इनकार कर दिया तो कार्रवाई की गई और प्रदर्शन स्थल खाली करा लिया गया।
एनडीटीवी की खबर के मुताबिक, इसके बाद जाफराबाद और तुर्कमान गेट पर विरोध प्रदर्शन को भी पुलिस ने कोरोना वायरस के चलते बंद करा दिया गया। यहां पर कुछ लोगों को हिरासत में भी लिया गया। यहां भी लंबे समय से प्रोटेस्ट चल रहा था।
जाफराबाद से ही दंगे कि शुरुआत हुई थी। शाहीन बाग ,जाफराबाद और तुर्कमान गेट पर पुलिस ने एक साथ कार्रवाई की। सुबह करीब 7 बजे से दिल्ली पुलिस की कार्रवाई शुरू हुई। वहीं शाहीन बाग में खाली कराने के लिए पहले पुलिस ने समझाया, नहीं माने तो कार्रवाई कर दी।
शाहीन बाग, जाफराबाद और तुर्कमान गेट को खाली कराने के लिए पुलिस बुधवार की सुबह 7 बजे भारी पुलिस बल के साथ पहुंचीं। वहां कुछ महिलाएं और पुरूष थे जिन्हे पहले पुलिस ने समझाया. जब नहीं माने तो लगभग आधे घंटे बाद करीब साढ़े सात बजे पुलिस ने कार्रवाई की। कुछ महिलाएं भाग गईं। सड़क पर काफी कूड़ा और टेंट जमा है उसे एमसीडी के लोगों की मदद से हटाया जा रहा है।
साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी पीटीआई द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है. यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है.